क्या होता है नार्को टेस्ट, इसे क्यों किया जाता है?
कई बार देश के अपराधी, अपना अपराध कर मुकर जाते है. ऐसे में देश की पुलिस या जांच एजेंसियां नार्को टेस्ट करवाती है. ताकि अपराधी कोर्ट को किसी भी तरह से गुमराह ना कर सके और लोगों को सच्चाई का पता चल सके. नार्को टेस्ट एक तरह का एनेस्थीसिया होता है, जिसमें कोई भी आरोपी या अपराधी न पूरी तरह से अपने होश में होता है और न ही बेहोश होता है. नार्को टेस्ट के लिए कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है.
मुजरिम का नार्को टेस्ट को करते समय बहुत सावधानी बरतनी होती है. थोड़ी भी लापरवाही हुई, तो अपराधी व्यक्ति की जान भी जा सकती है. वो इंसान कोमा में जा सकता है. विश्वभर के देशों में कानूनी मंजूरी के बाद ही इस टेस्ट को करने की इजाजत है.
Gk Section Changed status to publish 11/11/2023