जानिए 11 दिसम्बर को भारतीय भाषा दिवस क्यों मनाया जाता है? महत्व, भाषाओं के बारे में
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Indian Language Day:- जैसा की आप सब जानते है के आज के दिन 11 दिसम्बर को देश के सभी कॉलेजों में ‘भारतीय भाषा दिवस’ मनाया जाता है. भाषा समिति ने 11 दिसंबर की तारीख को ‘भारतीय भाषा दिवस’ या ‘भारतीय भाषा उत्सव’ के रूप में प्रस्तावित किया था. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने पिछले वर्ष सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को 11 दिसंबर को ‘भारतीय भाषा दिवस’ मनाने का निर्देश दिया है.
11 दिसम्बर को भारतीय भाषा दिवस क्यों मनाया जाता है?
मुख्य रूप से, 11 दिसम्बर को भारतीय भाषा दिवस का आयोजन भाषा साक्षरता और भाषा संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है। इस दिन को भाषा संरक्षण, भाषा साक्षरता और भाषा के महत्व को समझाने का एक अच्छा अवसर माना जाता है। यह दिवस भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है और इसका उद्देश्य विभिन्न भाषाओं को समृद्धि और समानता के साथ सहयोगपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है. इसके माध्यम से लोगों को उनकी भाषा और सांस्कृतिक विविधता के प्रति समर्पित किया जाता है और उन्हें अपनी मातृभाषा के महत्व के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
भारतीय भाषा दिवस के माध्यम से समाज में भाषा संरक्षण की जरूरत को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है ताकि हर भाषा और उसके विकास में योगदान को समझा जा सके.
भारतीय भाषा दिवस का महत्त्व
भाषा समिति ने 11 दिसंबर को ‘भारतीय भाषा दिवस’ या ‘भारतीय भाषा उत्सव’ के रूप में मनाने का प्रस्ताव किया, क्योंकि यह दिन आधुनिक तमिल कविताओं के प्रमुख कवि सुब्रमण्य भारती की जयंती का प्रतीक है। सुब्रमण्यम भारती ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देशभक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए गीत रचे थे।
भारत में बोली जाने वाली भाषाओं के नाम
हमारे देश में कई भाषा बोली जाती है. जिसमे हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है. सामान्यतया भारत में 22 भाषा बोली जाने वाली जाती है. सविधान की 8वी अनुसूची में 22 भाषाए शामिल है.
- (1) असमिया
- (2) बंगाली
- (3) गुजराती
- (4) हिंदी
- (5) कन्नड
- (6) कश्मीरी
- (7) कोंकणी
- (8) मलयालम
- ( 9 ) मणिपुरी
- (10) मराठी
- (11) नेपाली
- ( 12 ) उड़िया
- ( 13 ) पंजाबी
- ( 14 ) संस्कृत
- ( 15 ) सिंधी
- ( 16 ) तमिल
- ( 17 ) तेलुगू
- (18) उर्दू
- (19) बोडो
- (20) सांथाली
- (21) मैथली
- (22) डोंगरी
भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जारी भारत में बोली जाने वाली भाषाओं की सूची की पीडीऍफ़
भारत के राज्यों के अनुसार, सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं की सूची
यहाँ भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसार बोली जाने वाली मुख्य भाषाओं की सूची है:
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | मुख्य भाषाएं |
आंध्र प्रदेश | तेलुगु |
अरुणाचल प्रदेश | हिंदी, अंग्रेजी, आदि |
असम | असमिया, बोडो, बंगाली, आदि |
बिहार | हिंदी, उर्दू, बोजपुरी, आदि |
छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ी |
गोवा | कोंकणी, मराठी |
गुजरात | गुजराती |
हरियाणा | हिंदी, पंजाबी |
हिमाचल प्रदेश | हिन्दी, पहाड़ी |
जम्मू और कश्मीर | उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, आदि |
झारखंड | हिंदी, संथाली, बांग्ला, आदि |
कर्नाटक | कन्नड़, कोरी, तुलु, आदि |
केरल | मलयालम |
मध्य प्रदेश | हिंदी, मराठी, मालवी, आदि |
महाराष्ट्र | मराठी, हिंदी, उर्दू, आदि |
मणिपुर | मैतेइलोन, मणिपुरी |
मेघालय | असामिया, गारो, खासी, आदि |
मिजोरम | मिजो |
नागालैंड | अंगामी, सेमा, लोथा, आदि |
ओडिशा | ओड़िया |
पंजाब | पंजाबी |
राजस्थान | हिंदी, मारवाड़ी, मेवाड़ी, आदि |
सिक्किम | नेपाली, लिम्बू, भूटिया, आदि |
तामिलनाडु | तमिल |
तेलंगाना | तेलुगु |
त्रिपुरा | बंगाली, कोकबराक, छकमा, आदि |
उत्तराखंड | हिंदी, गढ़वाली, कुमाऊँ, आदि |
उत्तर प्रदेश | हिंदी, उर्दू, ब्रज, आदि |
पश्चिम बंगाल | बंगाली |
आंध्र प्रदेश (केंद्र शासित) | तेलुगु |
आरुणाचल प्रदेश (केंद्र शासित) | हिंदी, अंग्रेज़ी, आदि |
दिल्ली (केंद्र शासित) | हिंदी, पंजाबी, उर्दू, आदि |
International Mountain Day GK Questions in Hindi – 11 दिसंबर
भारतीय भाषा दिवस – FAQs
भारतीय भाषा दिवस हर साल 11 दिसम्बर को मनाया जाता है।
मुख्य रूप से, 11 दिसम्बर को भारतीय भाषा दिवस का आयोजन भाषा साक्षरता और भाषा संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है। इस दिन को भाषा संरक्षण, भाषा साक्षरता और भाषा के महत्व को समझाने का एक अच्छा अवसर माना जाता है। यह दिवस भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है और इसका उद्देश्य विभिन्न भाषाओं को समृद्धि और समानता के साथ सहयोगपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से लोगों को उनकी भाषा और सांस्कृतिक विविधता के प्रति समर्पित किया जाता है और उन्हें अपनी मातृभाषा के महत्व के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
भारतीय भाषा दिवस के माध्यम से समाज में भाषा संरक्षण की जरूरत को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है ताकि हर भाषा और उसके विकास में योगदान को समझा जा सके।
भाषा उत्सव के माध्यम से लोगों को उनकी मातृभाषा और अन्य भाषाओं के प्रति समर्पित करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके द्वारा लोग अपनी भाषा और सांस्कृतिक विरासत को साझा कर सकते हैं और इसका समर्थन कर सकते हैं।
भारत में कुल मिलाकर, सामान्यत: 22 सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाएं हैं। इनमें से हिंदी और अंग्रेज़ी राष्ट्रीय भाषाएं हैं, जबकि अन्य भाषाएं राज्य भाषाएं हो सकती हैं और विभिन्न क्षेत्रों में बोली जा सकती हैं।
हिन्दी को संविधान सभा ने 14 सितम्बर, 1949 को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया. इसीलिए भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत में विभिन्न भाषाएं उत्पन्न हुईं और विकसित हुईं हैं, जिनमें से हर एक का अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिचय है। भारतीय भाषा का समृद्धि और विकास ने भाषा, साहित्य, कला, और सांस्कृतिक विरासत को समृद्धि की दिशा में बढ़ावा दिया है।
भाषा का उद्देश्य मानव संबंधों को स्थापित करना, ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान करना, और सामाजिक संगठन सुनिश्चित करना है। इसके कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं:
संवेदनशीलता और संवाद: भाषा का मुख्य उद्देश्य लोगों को एक दूसरे के साथ संवाद में लाना है और उनके भावनाओं, विचारों, और ज्ञान को साझा करना है। यह सामाजिक और ब्यक्तिगत संबंधों की रचना करने में मदद करता है।
ज्ञान का पास करना: भाषा के माध्यम से लोग अपने ज्ञान, अनुभव, और सोच को दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं। इसके बिना विशेषज्ञ ज्ञान और अनुभव को सांचों में रखा जाता है।
साहित्य और कला का साझा करना: भाषा के माध्यम से साहित्य, कला, और सांस्कृतिक विरासत का आदान-प्रदान होता है। लोग भाषा के जरिए कहानियां, कविताएं, संगीत, और और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को साझा करते हैं।
शिक्षा: भाषा का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में भी होता है। लोग शिक्षा प्राप्त करने और शिक्षा प्रदान करने के लिए भाषा का सही तरीके से उपयोग करते हैं।
सामाजिक संबंध और सांस्कृतिक भिन्नता: भाषा एक समुदाय की भिन्नता और समृद्धि को प्रतिष्ठित करती है। विभिन्न भाषाओं का होना समृद्धि, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक समृद्धि की भावना को बढ़ावा देता है।
भाषा मानव समाज में संवाद, ज्ञान, सांस्कृतिक एकता, और शिक्षा का महत्वपूर्ण साधन है। इसके माध्यम से लोग अपने विचारों और भावनाओं को साझा करते हैं और समृद्धि की दिशा में बढ़ते हैं।