भारतीय ध्वज संहिता 2002 – Flag Code of India 2002 in Hindi
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Flag Code of India: भारतीय ध्वज संहिता 2002 एक महत्वपूर्ण और चर्चित विषय हैं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खासकर एसएससी, यूपीएससी आईएएस जैसी परीक्षाओं के लिए। भारतीय ध्वज संहिता 2002 को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें सबका भिन्न-भिन्न विवरण उल्लिखित किया गया है, हम इस लेख पर इनपर चर्चा करेंगे।
राष्ट्रीय ध्वज या झंडा फहराना किसी देशवासी के लिए गर्व से कम नहीं है, इसकी एक ध्वज संहिता है। जिसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए ताकि देश के ध्वज का अपमान न हो सके।
देश में हर घर तिरंगा अभियान के साथ ही देश के गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन किया है। जैसे कि हमने शुरू बताया है भारतीय ध्वज संहिता, 2002, को 3 भागो में बांटा गया जोकी निम्न है।
प्रथम: राष्ट्रीय ध्वज का सामान्य विवरण
दुसरा: निजी और सार्वजनिक जघों आदि मार्गो पर राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन
तिसरा भाग में: राज्य और केंद्र सरकार और उनके ध्वज द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के बारे में है।
दरसल भारतीय ध्वज संहिता 2002 में कुछ कानून है, और निर्देश दिए गए हैं कि जिसमे राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग करने और उसे फहराने को लेकर कुछ निर्देश है इसे ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ कहा जाता है।
`भारतीय ध्वज संहिता 2002 क्या है?
‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’, 26 जनवरी 2002 से लागू देश में की गई थी। जिसके आधार पर भारतीय ध्वज संहिता को तीन विवरणों में वर्णित किया गया है जिसकी चर्चा हम ऊपर कर चुके हैं, जिसका उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीय तिरंगे का इस्तेमाल किसी भी तरह से व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है और नाही इसका उपयोग किसी भी प्रकार के सजावट के प्रयोजनों के लिए किया जाना चाहिए।
ध्वज संहिता में संशोधन की आवश्यकता क्यों हुई?
देश की आजादी के 75वें वर्ष पर यह संशोधन आया ताकि देशवासियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, संस्कृति मंत्रालय का इसमें कहना था कि राष्ट्रध्वज अब ऑनलाइन पोर्टल पर 30 रुपये में उपलब्ध हो सकेगा।
राष्ट्रीय ध्वज संहिता केंद्र में क्या संशोधन किया गया?
30 दिसंबर, 2021 के आदेश के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज संहिता 2002 को संशोधित किया गया जिसमे राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते, हाथ से बुने गए या मशीन से बने कपड़े/पॉलीस्टर/ऊन/रेशम/खादी से बनाया जाएगा, संशोधन करके पॉलिएस्टर और मशीन से बने ध्वज को भी अनुमति दी गई। इसके बाद 20 जुलाई, 2022 को एक और अन्य संशोधन के जरिए केंद्र ने भारतीय ध्वज को दिन के साथ-साथ रात्रि में भी पहराने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके पहले के राष्ट्र ध्वज सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराने का नियम था।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में भाग 1 और भाग 2 में कुछ सामान्य विवरण हैं
- राष्ट्रीय झंडे का सबसे ऊपर रंग केसरिया होगा और निचे भाग का रंग भारतीय हरा होगा, मध्य भाग का रंग सफेद, जिसके बीच में गहरा नीला रंग में अशोक चक्र का डिजाइन तथा उसमें 24 दूरी समान पर ली जाएगी।
- भारती ध्वज आयताकार आकार का होगा।
- भारत के राष्ट्रध्वज को धरती पर या पानी में नहीं गिरने दिया जाना चाहिए ।
- ध्वज पर किसी भी तरह का विज्ञापन/अधिसूचना/अभिलेख नहीं होना चाहिए।
- ध्वज का इस्तमाल मूर्ति/स्मारक/भवन आदि को ढकने या सजावत के लिए नहीं किया जाएगा।
- ध्वज में “केसरिया” नीचे करके नहीं फहराया जाएगा।
- क्षतिग्रस्त, फटे या गंदे झंडे को प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
यदि भारतीय ध्वज संहिता 2002 के इस लेख में हमने कुछ छूट गया हो या कुछ गलत प्रकाशित है कृपया हमें कमेंट करके बताएं.
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