धन पर निबन्ध – Essay On Money in Hindi

Money Essay – यहाँ पर आप धन पर निबन्ध (Essay On Money in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.

नीचे दिया गया धन निबंध हिंदी में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए उपयुक्त है।

धन पर निबंध 500 शब्दों में

व्यक्तिगत जीवन में धन मनुष्यों की आवश्यताएँ पूरी करता है, धन के बिना व्यक्ति अपने जीवन की जरुरत आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सका. कोई भी व्यक्ति धन की बराबरी प्यार के महत्व से नहीं कर सकते है, धन का महत्व सिर्फ धन और आवश्यकताओं की पूर्ति तक सिमित हैं यदि व्यक्ति को धन की आवश्यकता होती है तो वह किसी के प्यार से उसे हासिल नहीं सकता है और नाही धन के बल पर किसीका प्यार पा सकता. धन और प्यार का जीवन में अलग अलग महत्व होता है. व्यक्ति जीवन में धन की आवश्यकता तब हो सकती है जब आपको कुछ खरीदना चाहते हो अपनी आवश्यकता के लिए, जैसे खाना खाने के लिए, पानी के लिए, दूध के लिए, अखबार के लिए, कही घुमने जाने के लिए, नए कपड़े पहनने के लिए, शिक्षा प्राप्त करने के आदि जगहों पर धन की आवश्यकता होती है जिसके कारण आप इन आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हो.

यदि धन प्राप्ति की बात करें तो, इसे प्राप्त करने के लिए हमको मेहनत होती है या फिर व्यापार, अच्छी नौकरी, अच्छे व्यवसाय आदि के माध्यम से इसकी की जाती है. जीवन व्यतीत करने के लिए धन की बहुत आवश्यकता होती है, धन के बिना जीवन की जरूरतमंद आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जा सकता, व्यक्ति की छोटी छोटी आवश्यकता को धन ही पूरा कर सकता है. प्राचीन (ऐतिहासिक) समय में आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए चीजो का अदल बदल करके की जाती थी परन्तु समय के चलते मुद्रा का निमार्ण हुआ जिसके कारण किसी भी वस्तु, सामान को खरीने के लिए पूंजी की जरुरत होती है इसके बिना जीवन में आप कुछ हासिल नहीं सकते. व्यक्ति को धन की आवश्यकता जगह-जगह पर होती है, आवश्यकता पूर्ति के अलवा किसी भवन निर्माण में भी धन आगे आता है.

वर्तमान में धन की आवश्यकता बहुत तेजी से बढती जा रही क्युकी व्यक्ति का रहन-सहन बहुत महंगा होता जा रहा है, और समाज में जो व्यक्ति बहुत धनि है जिनके पास अनगिनत सम्पत्ति है उनके समाज इज्जत और सम्मान देता है लेकिंग किसी गरीब व्यक्ति को समाज एक घृणा की नजर से देखता है. धन की जरुरत सभी नागरिकों को होती है चाहे वे गरीब व्यक्ति हो या फिर अमीर व्यक्ति लेकिन शहरी क्षेत्र में रह रहे व्यक्ति ग्रामीण व्यक्तियों की तुलना में अधिक अमीर होते है क्यूंकि शहर में कई प्रकार की तकनीकियाँ व् कंपनियां अधिक मजबूत है और ग्रामीण क्षेत्रो में रह रहे व्यक्ति सिर्फ किसानी कृषि पर निर्भर रहते है जिसके चलते उनके शहरी व्यक्ति की तुलना में कम धन मिलता है.

वर्तमान समय में धन के आभाव में आकर मनुष्य. अपने, मित्रो और गैरो तक को नहीं समझता और धन के लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है. व्यक्ति जल्द और कम समय में अमीर बनने के कारण किसी भी गैर क़ानूनी कार्य को करता है जैसे, जुआ खेलना, चोरी करना, लूट-पाट बैंक रोब्ब्री व् ब्लैक मैलिंग आदि. धन कमाने के रास्ते अनेक है परन्तु सही तरीके से कमाया गए धन से ही मनुष्य आराम की नींद सोता है और गैर क़ानूनी तरीके से कमाया गए धन वाले मनुष्य हमेशा डर के जीते है. सही तरह से कमाए गए धन का दुरूपयोग न करें बल्कि इसे अच्छे कार्यों में लगाएं.

ब्लैक मनी पर निबंध 700 शब्दों में

काला धन अंग्रेजी में (ब्लैक मनी) गैर क़ानूनी तरीको से इकठ्ठा या कमाया गया धन होता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पढता है इससे देश में रोजगार, महंगाई और मंदी देखने को मिलती है. काले धन की इस विषय पर हमने यहाँ एक निबंध प्रकाशित किया है. अक्सर स्कूली विधार्थियों को परीक्षाओ एवं समारोह में काले धन (ब्लैक मनी) पर निबंध या पैराग्राफ लिखने या बोलने को कहा जाता है, इस विषय हमने इस लेख में ब्लैक मनी (काला धन) पर निबंध प्रकाशित किया है जिसकी सहायता से विधार्थी परीक्षा में ब्लैक मनी पर निबंध लिख सकेंगे.

अवैध रूप से कमाया या जमा किए गए धन को ब्लैक मनी (काला) कहा जाता है। यह जमाखोरी, तस्करी, कर चोरी और अचल संपत्ति द्वारा इकठ्ठा किया गया परिणाम होता है, गैर क़ानूनी तरीके से अर्जित किया धन ही ब्लैक मनी होता है यह पैसा सरकार के नियंत्रण से परे है. काले धन ने देश में एक गंभीर समस्या खड़ी कर दी है।

अमीर व्यक्तियों के घरों में पड़े इस फंसे धन की बड़ी मात्रा के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा गई है, जिसके कारण देश में संचालित समानांतर अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। देश में बहुत से बड़े व्यक्ति ऐसे है जो अपने पद का दुरूपयोग करके काला धन इकठ्ठा कर और भी अधिक आमिर बनते जा रहे है.

काले धन का उपयोग भ्रष्टाचारियो द्वारा विभिन्न दुष्ट कार्यो/गतिविधियों में किया जाता है। काले धन का उपयोग आमिर व्यक्ति सामाजिक और राजनीतिक जीवन को भ्रष्ट और ध्वस्त करने के लिए करते हैं। वे इसे दिखावटी जीवन और बेकार विलासिता में प्रदर्शित करते हैं। वे सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देते हैं और उन्हें भ्रष्टाचार और बेईमानी की ओर ले जाते हैं। वे राजनीतिक मालिकों को खरीदते हैं और सरकार के तंत्र को नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार पूरा सामाजिक ढांचा बुरी तरह से बर्बाद हो जाता है।

देश में काले धन की कुल मात्रा का सटीक अंदाजा लगाना मुश्किल है| देश में समय-समय पर आयकर अधिकारियों द्वारा अमीरों की कोठियो में तलाशी और छापे मारे जाते हैं। इस तरह के तलाशी और आयकर विभाग द्वारा किए गए छापे से करोड़ों रुपये इकट्ठा किए जाते है। लेकिन लोग, सरकार की तुलना में, कई बार होशियार व् सतर्क होते हैं।

वे सर्वश्रेष्ठ कानूनी दिमाग की सहायता लेते हैं और कानून को अपने पक्ष में मोड़ लेते हैं। अधिकांश काले धन के अपराधी अपने सभी पैसे और प्रभाव का उपयोग सरकार से बचने के लिए करते हैं और जब भी यदि व् पकड़े जाते हैं, तो वे कम समय में ही आजाद होजाते हैं।

सरकार ने कई बार काले धन को हटाने व हासिल करने के लिए कुछ स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजनाओं की घोषणा की। अधिकतर योजनाएँ बहुत सीमित हद तक सफल साबित भी हुई हैं। 1997 में भारत सरकार द्वारा घोषित स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजना ने बड़ी मात्रा में काले धन का खुलासा किया था क्योंकि इस योजना में कर की दर तीस प्रतिशत तक कम हो गई थी।

कुछ विश्वसनीय अनुमानों के अनुसार, देश में लगभग काले धन के रूप में 10,000 करोड़ रु मौजूद है जो सरकार की नजरों से परे है। यह कीमतों में भारी वृद्धि और देश में मंदी के लिए काफी हद तक व्यक्तियों के पास इकठ्ठा काला धन भी जिम्मेदार है क्योंकि इससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है। काला धन रखने वाले लोग विलासिता और आराम का जीवन यापन कर रहे है जबकि गरीब लोग एक दयनीय जीवन जी रहे हैं और म्हणत मजदूरी करके अपना जीवन गुजर कर रहे है। देश के कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने सरकार को काले धन का पता लगाने के लिए कड़े कदम सुझाए हैं, लेकिन लगातार सरकारें उन उपायों को खारिज कर देती हैं। निहित स्वार्थ हमेशा प्रभावी उपायों के रास्ते में खड़े होते हैं और उन्हें नजरअंदाज करते हैं।

सरकार देश के काले धन का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। देश की सरकार ने इस पर कई कदम भी उठाए गए हैं। कराधान संरचना और प्रणाली को आसान बनाया गया है। अलग-अलग समय पर, सरकार ने कई योजनाओं को आगे बढ़ाया है और लोगों से अपनी कुल संपत्ति घोषित व् उसकी गणना करने के लिए भी कहा है, जिसमे सरकार को कुछ हद तक सफलता भी मिली है, परन्तु काले धन की इस समस्या को कम करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

हम सभी को यह स्पष्ट होना चाहिए कि राष्ट्र ने इस काले धन के मामले में अपनी आँखें बंद नहीं कर सकता है। तस्करों और कालाबाजारी करने वालों को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। काला धन इकठ्ठा करने वाले व्यक्ति हमारी लोकतांत्रिक संरचना की बहुत जड़ों पर प्रहार कर रहे हैं। काले धन को प्रचलन से बाहर करने के सभी कदम यथाशीघ्र उठाए जाने चाहिए। देश की सरकार को तस्करों, कर चोरों, कालाबाजारी करने वालों और जमाखोरों के भारी हाथो को और मजबूत होने से रोकना होगा। काला धन देश के लिए एक बहुत बढ़ा अभिशाप है। इसे सार्वजनिक जीवन से अलग किया जाना चाहिए।

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