ओलम्पिक खेलों से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य – Olympic Games History Samanya Gyan Hindi
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Here you will find Samanya Gyan and Important facts related to the Olympic Games in Hindi
ओलम्पिक खेल एक ऐसा खेल है जिसमे अनेको प्रकार के खेलो में विश्व के सभी देशो से हजारों एथेलीटस भाग लेते है, यह खेल प्रत्येक चार वर्षो के अन्तराल के अनुसार आयोजित किया जाता है. इसको ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेल, शीतकालीन ओलम्पिक खेल, पैरालम्पिक खेल व् राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के नाम से भी जाता है , अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति द्वारा इसका आयोजन होता है . यहाँ हमने भारत और विश्व सम्बंधित ओलम्पिक खेलों के बारे में महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान तथ्य प्रकाशित किए है, जोकि आपकी अगली परीक्षाओं के सहायक होंगे.
Olympic Games History and Important Facts about Olympics Hindi
आधुनिक ओलम्पिक खेलो की शुरुआत 1896 ई. से हुई थी तथा यह पहले खेल यूनान (ग्रीस) में एथेंस में आयोजित हुए थे. तदोपरांत इनका आयोजन 4-4 वर्ष के अंतराल पर होता रहा है.
प्रथम विश्व युद्ध के कारण 1916 में छठे ओलम्पिक खेलों का आयोजन नहीं हो सका था जिसके बावजूद 1920 के खेलों को सातवाँ खेल ही माना गया था.
इसी प्रकार 1940 में टोकियो में प्रस्तावित 12वें खेलो तथा 1944 में लन्दन में प्रस्तावित 13वें खेलों का आयोजन दित्तीय विश्व युद्ध के कारण नहीं हो सका था तथा बाद में 1948 लन्दन में हुए खेलों को 14वें खेल माना गया था.
पिछले 30वें ओलम्पिक खेलों का आयोजन 2012 में लन्दन में हुआ था. लन्दन ही एकमात्र ऐसा शहर है जहाँ आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेल सर्वाधिक तीन (1908, 1948 व् 2012 में) आयोजित किए गए है.
एथेंस , परिस व् लॉस एंजेल्स (अमेरिका) ही ऐसे शेहर है जहाँ इन खेलो का आयोजन अब तक 2-2 बार हुआ है.
ओलम्पिक खेलों में सर्वाधिक 22 (18स्वर्ण, 2 रजत व् 2 कांस्य) अमरीकी टेराक माइकल फेल्प्स ने जीते है, 2012 के लन्दन ओलम्पिक खेलो में ही 4 स्वर्ण व् 2 रजत सहित 6 पदक फेल्प्स ने जीते थे, जिससे सर्वाधिक 22 पदक जितने का यह रिकॉर्ड उनके नाम हुआ था. उससे पूर्व यह रिकॉर्ड तत्कालीन सोवियत संघ की जिमनास्ट लारिसा लात्यानीना (Larisa Latynina) के नाम था, जिन्होंने कुल 18 ओलम्पिक पदक विभिन्न ओलम्पिक खेलों में जीते थे.
ओलम्पिक खेलों का आयोजन अंतराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) के तत्वावधान में होता है , जर्मनी के थॉमस बाश (Thomas Bach) वर्तमान में इस समिति के अध्यक्ष है .
अंतराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति का गठन फ्रांस के पियरे डी कोबेर्टिन (Pierre de Coubertin) ने 1894 ई. में किया था. कोबेर्टिन को ही आधुनिक ओलम्पिक खेलो का जनक माना जाता है .
ओलम्पिक खेलों के साथ ही अब शीतकालीन ओलम्पिक खेलों का आयोजन 1924 से अलग से होने लगा है जिससे पारम्परिक ओलम्पिक खेलों को अब ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के नाम से जाना जाता है. इनके अतिरिक्त शारीरिक रूप से अशक्त खिलाड़ियों के लिए पेरालाम्पिक खेलों (Paralympic Games) का आयोजन अलग से 1960 से शुरू हुआ है तथा युवाओं के लिए ग्रीष्मकालीन युवा ओलम्पिक खेल 2010 से तथा शीतकालीन ओलम्पिक 2012 से शुरू किए गए है.
Citius, Altius Fortius (लेटिन शब्द) ओलम्पिक खेलों का ‘मोटो‘ (Motto) है जिसका अर्थ है- Faster, Higher and Stronger.
सफ़ेद पृष्ठभूमि में पांच अलग-अलग रंगों (नील, पीले, काले, हरे व् लाल) में आपस में जुड़े हुए पांच छल्ले ओलम्पिक खेलों के चिन्ह है. यह छल्ले पांचो बसावट वाले महाद्वीपों को निरुपित करते है.
ओलम्पिक ध्वज में भी सफ़ेद पृष्ठभूमि पर उपर्युक्त पांच छल्ले ही दर्शाए गए है.
ओलम्पिक खेलों में उद्घाटन समारोह में मार्च पास्ट में भागीदार देश अंग्रेजी वर्णमाला के क्रमानुसार शामिल होते है , किन्तु ओलम्पिक खेलो का जनक यूनान इस मार्च पास्ट में सबसे आगे होता है , जबकि मेजबान देश सबसे पीछे.
रियो ओलम्पिक (2016) के शुभकर (Moscot), जोकि ब्राजीली वाइल्ड लाइफ पर आधारित एक जंतु है, को विन्सिअस (Vincius) नाम दिया गया है.
India In Olympic Games – ओलम्पिक खेलों में भारत – Hindi Samanya Gyan related to Indians in Olympics Game
ओलम्पिक खेलों में भारत ने आधिकारिक रूप से पहली बार 1920 में एंटवर्प (बेल्जियम) (सातवें) ओलम्पिक्स में भाग लिया था. उससे पूर्व भारत के नॉर्मन प्रिचर्ड (Norman Pritchard) ने 1900 में पेरिस ओलम्पिक में व्यक्तिगत रूप से भाग लिया था तथा दो रजत पदक भी एथलेटिक्स में जीते थे, किन्तु अंतराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) के अभिलेखों में यह दो पदक इंग्लेंड के खाते में दर्ज है.
1920 में आधिकारिक रूप से भागीदारी के पश्चात भारत ने ओलम्पिक खेलो में पहली बार कोई पदक (स्वर्ण, पदक) 1928 में पुरुषो की हॉकी में एम्सतर्डम (हॉलेंड) में जीता था. हॉकी में स्वर्ण पदक जितने का सिलसिला बाद में 1932, 1936, 1948, 1952, 1956 में (लगातार छह बार) जारी रहा (1940 व् 1944 में ओलम्पिक खेल नहीं हुए थे). 1960 में हॉकी में रजत पदक जितने के बाद 1964 में व् 1980 में पुन: स्वर्ण पदक जितने में सफलता भारत ने प्राप्त की, जबकि 1968 व् 1972 में कांस्य पदक उसने जीता.
इस प्रकार पुरुषो की हॉकी में कुल आठ बार स्वर्ण पदक, एक बार रजत पदक दो बार कांस्य पदक भारत ने जीते.
ओलम्पिक खेलो की किसी व्यक्तिक स्पर्द्धा में भारत के लिए पहला पदक (कांस्य पदक) फ्री स्टाइल कुश्ती में बेंटमवेट वर्ग में के. डी. जाधव ने 1952 में जीता था.
के. डी. जाधव के उपर्युक्त कांस्य पदक के 44 वर्ष पश्चात 1996 में भारत के लिएंडर पेस (26वें) अटलांटा (अमरिका) ओलम्पिक में टेनिस में पुरुषो के एकल स्पर्द्धा में कांस्य पदक जितने में सफल रहे.
2000 ई. में सिडनी ओलम्पिक में भारत के कर्णम मल्लेस्वरी ने भारोत्तोलन में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता.
किसी व्यक्तिक स्पर्द्धा में भारत के लिए पहला रजत पदक राज्यवर्द्धन सिंह राठोर ने 2004 में एथेंस ओलम्पिक में निशानेबाजी में पुरुषो की डबल ट्रैप स्पर्द्धा में जीता था.
किसी व्यक्तिक स्पर्द्धा में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक अभिनव बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में निशानेबाजी में ही पुरुषो की 10 मी एयर राइफल स्पर्द्धा में जीता था.
2008 में बीजिंग ओलम्पिक में ही भारत के सुशिल कुमार कुश्ती (66 किग्रा वर्ग फ्रीस्टाइल) में तथा विजेंद्र कुमार मुक्केबाजी (75 किग्रा वर्ग) में कांस्य पदक जितने में सफल रहे थे. इस प्रकार 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में कुल तीन पदक (एक स्वर्ण व् दो कांस्य) भारत ने जीते थे.
पदकों की संख्या की दृष्टि से ओलम्पिक खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 के (30वें) लन्दन पिछले में रहा, जहाँ 2 रजत व् 4 कांस्य पदकों सहित कुल 6 पदक भारत ने जीतें.
भारत के लिए यह पदक विजय कुमार (रजत) व् गगन नारंग (कांस्य) ने निशानेबाजी में, साइन नेहवाल (कांस्य) ने बेडमिन्टन में, एम.सी.मेरिकॉम (कांस्य) ने मुक्केबाजी में तथा सुशिल कुमार (रजत) व् योगेश्वर दत्त (कांस्य) ने कुश्ती में जीते थे. फ्रीस्टाइल कुश्ती में 66 किग्रा वर्ग में रजत पदक जितने वाले सुशिल कुमार ने 2008 में बीजिंग पिछले में भी कुश्ती में कांस्य पदक जीता था. इस प्रकार सुशिल कुमार अबतक के ऐसे एकमात्र भारतीय खिलाड़ी है, जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में लगातार दो ओलम्पिक खेलों में पदक जीते है.
ओलम्पिक खेलों की व्यक्तिक स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जितने वाले अबतक के एकमात्र भारतीय अभिनव बिंद्रा (निशानेबाज) रियो ओलम्पिक में उद्घाटन समारोह में मार्च पास्ट में भारतीय दल के ध्वजवाहक रहे.