हिंदी में आलमआरा के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
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अक्षर प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछा जाता है की कोनसी भारतीय फिल्म प्रथम बोलने वाली मूवी थी इसका सही उत्तर है आलमआरा. इसके अलावा और भी प्रश्न है इस फिल्म से संबंधित जैसे इसके लेखक कोन थे किसने ये फिल्म बनाई इसमें ध्वनि कैसी डाली गयी इस फिल्म को किस वर्ष में प्रदर्शित किया गया आदि, आलमआरा फिल्म से संबंधित इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में मिल सकते है.
Important History about of first talkie movie Alam-Ara
आलमआरा (विश्व की रौशनी) एक हिंदी भाषित फिल्म है जो वर्ष 1931 में बनी थी।
आलमआरा भारत की प्रथम सवाक (बोलती) फिल्म है. इस फिल्म का निर्देशन अर्देशिर ईरानी ने किया था।
14 मार्च 1931 को मुंबई (तब बंबई) के मैजेस्टिक सिनेमा में आलम आरा का प्रथम प्रदर्शन हुआ था।
आलम आरा पहली सवाक फिल्म थी जिसके कारण सिनेमा में लोगो की भीड़ को हटाने के लिए सैनोकों की सहायता लेनी पड़ी थी।
जोसफ डेविड द्वारा लिखित ये नाटक एक राजकुमार और बंजारन लड़की के प्यार की कथा पर आधारित है।
इस फिल्म का गीत “दे दे खुदा के नाम पर” भारतीय सिनेमा का भी प्रथम गीत था, इस गीत को उस समय अभिनेता वज़ीर मोहम्मद खान ने गाया था।
इस फिल्म में ध्वनि का निर्माण तरन ध्वनि प्रणाली का उपयोग किया गया और अर्देशिर ईरानी ने ध्वनि रिकॉर्डिंग विभाग स्वंय संभाला था, और शूटिंग के वक्त माइक्रोफ़ोन को अभिनेताओं के पास छिपा दिया जाता था।
इस फिल्म का छायांकन टनर एकल-प्रणाली कैमरे के उपयोग से किया गया था जिससे ध्वनि सीधे फिल्म पर दर्ज किया जाता था।
आलमआरा में अभिनेताओं के रूप में मास्टर विट्ठल, जुबैदा और पृथ्वीराज कपूर थे।
इस फिल्म के संगीतकार फ़िरोज़शाह म. मिस्त्री और बी. ईरानी थे, और इस फिल्म की भाषा उर्दू में थी।
आलमआरा फिल्म के बारे में प्रकाशित की गई जानकारी को ध्यान से पढ़े और उसका अध्ययन करें क्यूंकि आलमआरा के ऊपर लिखे गए इस लेख में आलमआरा पर कई प्रश्न और उत्तर बन सकते है जो आपकी आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायक हो सकेगी.