Election Commission of India – works, history, eligibility for election vote in Hindi

भारत निर्वाचन चुनाव आयोग, इतिहास व् मतदाताओं के लिए हैं कुछ महत्वपूर्ण नियम और जानकारी हिंदी में

आप ये जानते ही होंगे की प्रत्येक व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक है तो वह भारत के मतदाताओ की सूचि में आता है और और वह किसी भी पार्टी के चुनाव के लिए अपना मतदान दे सकते है. आइये भारतीय चुनाव आयोग यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के बारे में और अधिक सामान्य ज्ञान जानकारी को विस्तार से जाने.

What Election Commission of India and When it Established in Hindi?

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की स्थापना 25 जनवरी 1950 को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से प्रातिनिधिक संस्थानों में प्रतिनिधि चुनने के लिए की गई थी। और 61 वें स्‍थापना साल पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपत‌ि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था. जोकि हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन थे। भारतीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए भारतीय चुनाव आयोग समय-समय पर अहम भूमिका निभाता है।

प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक मतदाता सूची होती है. संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 19 के अनुसार मतदाता के रजिस्ट्रीकरण के लिए न्यूनतम आयु 18 साल है. पहले कम से कम 21 साल की आयु के होने पर ही कोई व्यक्ति मतदाता के रजिस्ट्रीकरण के आवेदन करता था परतु लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 को संशोधित करने वाले 1989 के अधिनियम 21 के साथ पठित संविधान के 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 के द्वारा मतदाता के पंजीकरण की न्यूनतम आयु को 18 साल तक कम कर दिया गया है. इसे 28 मार्च, 1989 से लागू किया गया है.

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यदि कोई व्यक्ति जो भारतीय निवासी या मूल रूप से भारत का नागरिक नहीं है वह व्यक्ति मतदाता के रूप में के रजिस्ट्रीकरण नहीं हो सकता है लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 के साथ पठित संविधान का अनुच्छेद 326 इस बिन्दु का स्पष्टीकरण करता है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 19 के आधार पर यदि कोई व्यक्ति जो किसी निर्वाचन क्षेत्र का मामूली तौर पर निवासी हो तो वह व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा. तो भी ऐसे अनिवासी भारतीय नागरिक जो भारत सरकार के अधीन किसी पद पर भारत के बाहर नियुक्त हैं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20(3) के साथ पठित धारा 20(8)(घ) के अनुसार मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने के पात्र हैं.

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 के प्रावधानों के आधार पर एक से अधिक निर्वाचन-क्षेत्र में रजिस्ट्रीकृत नहीं हो सकता.

यदि आप भी अपना नामे निर्वाचक नामावलियों में संशोधन सम्मिलित करना चाहते तो आपको अपने नजदीकी मतदान केंद्र में जाकर फार्म-8 भरकर अपने विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण आफिसर के पास दाखिल करना होगा या फिर आप इसके लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते है.

निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण ऑफिसर का. दिल्ली के मामले में ये क्षेत्रीय उपप्रभागी मजिस्ट्रेट/अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी होते हैं. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों की तैयारी का जवाबदायी होता है और यही उस संसदीय निर्वाचन-क्षेत्र के लिए निर्वाचक नामावली होती है जिससे वह विधान सभा खण्ड संबंधित है.

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13 के अधीन भारत निर्वाचन आयोग राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार के परामर्श से सरकार अथवा स्थानीय प्राधिकरण के किसी अधिकारी का निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर के रूप में नियुक्त करता है. इसके अतिरिक्त भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर की निर्वाचक नामावलियों की तैयारी/पुनरीक्षण के कार्यों में सहायता देने के लिए एक या अधिक सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर नियुक्त करता है.

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हमे उम्मीद है की आपको इस पोस्ट का अध्यन करके आपको सभी प्रश्न जैसे, भारत निर्वाचन आयोग क्या है, भारत चुनाव के लिए कैसे अप्लाई करे, भारत निर्वाचन आयोग  का इतिहास आदि के बारे में पूरी व् सटीक सामान्य ज्ञान जानकारी अच्छी तरह से समझ आ गयी होगी, यदि फिर भी कुछ ऐसा जो यहाँ प्रकाशित नहीं किया या कुछ इसमें सुधार करना हो तो कृपया हमने आप ईमेल के जरिये बताये.

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