गाय पर निबन्ध – Essay On The Cow in Hindi

The Cow Essay – यहाँ पर आप गाय पर निबन्ध (Essay On The Cow in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.

नीचे दिया गया गाय निबंध हिंदी में कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए उपयुक्त है।

गाय पर निबंध

गाय एक घरेलु पशु/जानवर पशु होती है. गाय हमे रोजाना ताजा और पौष्टिक दूध देती है. गाय जंगली जानवर नहीं होती. गाय विश्व में हर हिस्सों में पाई जाती है. भारत में गाय को अक्सर गाय गौ-माता भी कहा जाता है और इसकी पूजा भी करते है. दुसरे जानवरों की तुलना में गाय को सब से पवित्र पशु माना जाता है. गाय कई रंग में पाई जाती है. गाय का शारीर बड़ा होता है जिसकी चार थन, चार टाँगे और दो सिंग होते है. गाय एक शाकाहारी पशु है जो घास-फूस खाना पसंद करती है.

गाय के दूध से बहुत सी पोष्टिक खाना बनाया जा सकता है जैसे, दही, मक्कखन, देसी घी, पनीर, मट्ठा, खोया आदि. गाय का दूध बच्चो , बड़ो को बहुत फैदेमंद होता है जिससे की शारीर को ताकत मिलती है और मस्तिष्क की एकाग्रता और सोचने की क्षमता बढती है. गाय का दूध शारीर में कई बीमारियों से बचाता है गाय के दूध का सेवन रोजाना करना चाहिए.

गाय का गोबर हमारे इंधन के बहुत काम आता है गाय के गोबर के गांवों में उपले बनाए जाते है जिन्हें घर के चूल्हों में इस्तेमाल किया जाता है जिससे की खाना बनाया जा सकता है.

गाय हत्या हिन्दू धर्म में एक बहुत बड़ा पाप माना जाता हैं और कई देशो में गाय के कत्लेआम पर रोक भी लगा दी गई है. गाय की मृत्यु हो जाने पर कई देशो में इसका चमड़ा, बैग, पर्स बनाने में और हड्डियों का प्रयोग कंघी, चाक़ू का मुठिया, बटन जैसी चीजो को बनाने के लिए उपयोग की जाती है.

गाय कई सालों में मनुष्य के स्वास्थ्य को तंदरुस्त बनाने का कारण बनी है. हम सभी अपने जीवन में गाय के महत्व और इसकी आवश्यताओं को जानते है और इसका हमेशा हम सभी को मान-सम्मान करना चाहिए. किसी भी गाय को कभी चोट नहीं पहचानी चाहिए और उन्हें समय पर सही और उचित खाना एवं पानी खिलाना/पिलाना चाहिए.

गाय पर निबंध 250 शब्दों में

भारत को देव भूमि कहा जाता है। ईसी धारा पर भगवान ने अवतार लिए और लीलाएं की। सनातन धर्म में हमेशा से ही प्रकृति और उसके सभी जीवन दयाक घटकों की पूजा और आराधना होती आ रही है। सनातन धर्म में गाय की भी पूजा की जाती है। गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है क्योंकि वह हमें दूध देती है जो एक माँ ही अपने बच्चे को पिलाती है।

ऐसी मान्यता है कि गाय के भीतर 36 कोटि देवताओं का वास है। गावों में महिलाएं प्रतिदिन सुबह अपने द्वारे पर गाय के गोबर से लीपतीं हैं क्योंकि उसमें माँ लक्ष्मी का वास होता है। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा के साथ गायों की भी पूजा की जाती थी। जो कि श्री कृष्ण के समय से होती आ रही है। भगवान श्री कृष्ण को गैया बहुत ही प्यारी थी। वे सदा उनकी सेवा किया करते थे।

वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो गाय का दूध बाकी किसी भी जानवर के दूध से पौष्टिक होता है, गाय के मूत्र से कई दवाइयां बनाई जा सकतीं हैं, गाय के ऊपर सिर्फ हाथ फेरने से आपके अंदर एक सकारात्मकता का संचार होता है। गाय के गोबर से बनाई हुई खाद से खेती भी बहुत अच्छी होती है।

किसी भी जीव को मारकर खाने से बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता। परंतु आज बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि जिस देश में गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है उसी देश में कई जगहों पर लोग गाय को मारकर खा जाते हैं। आज देश के सभी संत – महात्मा गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। सरकार को इसके लिए कदम उठाने चाहिए और गौ हत्या को बंद करना चाहिए।

Previous Post Next Post

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *