मेरे सपनों का भारत पर निबन्ध – Essay On India of My Dreams in Hindi
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India of My Dreams Essay – यहाँ पर आप मेरे सपनों का भारत पर निबन्ध (Essay On India of My Dreams in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.
सपनों से हम क्या अभिप्राय निकालते हैं ये हमारे ऊपर है। सबके अपने – अपने सपने भी अलग होते हैं, पर यदि हम हमारे सपनों के भारत की बात करें तो हर किसी की चाह यही है कि भारत एक दिन भ्रष्टाचार, बेरोजगारी आदि से ऐसी सभी समस्याओं से मुक्त हो जाए। सभी नागरिक खुश रहें।
हर किसी का सपना यही रहता है कि उसका परिवार खुश रहे और हम पूरे भारतवासी एक परिवार है। यदि हम हैप्पीनेस इंडेक्स की बात करें तो भारत 139वें स्थान पर है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम कितने दूर है अपने सपने से। हर कोई एक दूसरे को इसका दोष दे रहा है आम जनता सरकार को तो सरकार जनता को क्या इसमें केवल किसी एक इंसान का दोष है.
हम बेरोजगारी के लिए सरकार को दोष दे तो जरूर रहे हैं, पर क्या हम उनके नियमों का पालन कर रहे हैं, जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार हमें कब से कहे जा रही है, पर अब भी लोग हैं जो उस नियम का पालन नहीं कर रहे 2 से कई अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं, अगर जनसंख्या वृद्धि इसी प्रकार होती रहे तो सरकार कितनों को रोजगार प्रदान करेगी इस बारे में जनता को भी सोचना पड़ेगा। यदि सपनों को साकार करना है तो पूरे परिवार को मिलकर काम करना होगा।
साथ ही यह सपना भी है कि हमारा भारत विकासशील देशों की सूची से हटकर जल्द ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो। देश के सभी नागरिक शिक्षित हों, हमारे भारत का नाम अव्वल दर्जे पर हो, किसी प्रकार से भी जात – पात को लेकर लोगों में मतभेद ना हो, गरीबी कम हो, अपराध ना हो, इत्यादि इस प्रकार के सभी समस्याओं से दूर हो। भारत सब प्रकार से परिपूर्ण हो, परंतु इसके लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा सभी नियमों का पालन करना होगा, समाज में रूढ़िवादी सोच में बदलाव करना होगा, जिससे हमारे सपनों का भारत सरकार हो सकेगा। सभी को एक साथ मिलकर बिना भेदभाव के रहना होगा।