मेरी माँ पर निबन्ध – Essay On My Mother in Hindi
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My Mother Essay – यहाँ पर आप मेरी माँ पर निबन्ध (Essay On My Mother in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.
माँ वह जननी है जो अपने बच्चो का लालन-पालन व अच्छी तरह देखभाल करती है. अपने बच्चो की पहली गुरु माँ होती है. विश्व में माँ को सबसे अधिक सम्मान दिया गया है. जीवनदायनी माँ की जगह कोई नहीं ले सकता. मेरी माँ हिंदी निबंध class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10 विधार्थियों के लिए.
मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में
मेरी माँ बहुत प्यारी है. वे मुझे अधिक स्नेह करती है. मेरी माँ अकेले पुरे घर का काम करती है. सुबह स्कुल के लिए मुझे तैयार करती है. मेरी माँ मेरे और मेरे पापा के लिए खाने का टिफिन बॉक्स हमे देती है ताकि हम भूखे न रह सके. स्कुल से छुट्टी होने के बाद मेरी माँ मुझे लेने आती है. स्कुल का होम वर्क में मेरी माँ के मदद से पूरा करता हूँ. सही और गलत की समझ मेरी माँ हमेशा मुझे बताती रहती है ताकि में किसी गलत रस्ते पर न सकूँ. मेरी माँ को में मम्मी जी कहकर बुलाता हूँ. मेरी माँ सुबह से लेकर रात तक मेरा और अपने परिवार का ख्याल रखती है. मेरी नाराजगी अक्सर मेरी माँ पहचान लेती है. मुझे किसी चीज की जरुरत होती है तो में अपनी माँ से बिना किसी डर से मांग लेता हूँ व मुझे हमेशा खुश देखना चाहती है. मेरे चहरे पर मुस्कराहट देखकर मेरी माँ को बहुत ख़ुशी मिलती है. मेरी माँ का सपना है की में भविष्य में एक डॉक्टर. मेरी माँ का यह सपना में जरुर पूरा करूँगा.
My Mother Essay in Hindi (500 words)
प्रस्तावना
मेरी हर प्रकार की परिस्थिति में मेरी माँ ने मेरा साथ हमेशा दिया है. माँ की जगह कोई भी नहीं ले सकता. अपने बच्चो की कामयावी के पीछे माँ की अहम् भूमिका होती है. क्युकी बच्चो की सबसे पहली गुरु माँ ही होती है जो अपने बच्चो को सही और गलत में अंतर समझाती है.
महत्व
जन्म दायनी माँ की भूमिका जीवन में कोई नहीं निभा सकता है. बच्चो के लालन-पोषण को सही तरह से एक माँ ही पूरा कर सकती है. माँ हर प्रकार से अपने बच्चो को खुश रखती है. माँ के बिना किसी बच्चे का जीवन अधुरा होता है. एक माँ अपने बच्चे के जन्म से लेकर उसके बड़े होने तक उसकी देखभाल करती है.
मेरे सफल जीवन में मेरी माँ ने अहम भूमिका निभाई है. हर कठिनाई में मेरी माँ ने मुझे साहस दिया है. मेरी माँ मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और मुझे एक सफल इंसान बनता देखना चाहती है. मेरे बचपन से लेकर बढे होने से मेरी माँ हमेशा मेरे साथ रही है. मेरी माँ ने मुझे चलना सिखाया और अपने पैरो पर खड़े होना सिखाया. मेरे जीवन की पहली गुरु मेरी माँ रही है जिन्होंने मुझे सफल जीवन का मार्गदर्शन कराया. मेरी माँ ने मुझे जीवन में छोटे-बड़े सही प्रकार के लोगो का आदर सम्मान करना सिखाया.
जीवन में कई बार असफलता मिलने पर मेरी माँ ने मेरा होसला बढाया और मेरे अन्दर विश्वास हमेशा बनाया. यदि कोई मुसीबत मेरे जीवन में आई तो मेरी माँ ने हर वो संभव प्रयास किया जिससे में समस्या से बाहर निकल सकूँ. भले ही में कितना भी जादा पढ़ा लिखा हूँ लेकिन में अपनी माँ के अनुभव में उनसे छोटा ही रहूँगा. में यह विश्वास के साथ कह सकता है की मेरी माँ द्वारा दी गई शिक्षा का मेरे जीवन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
मेरी माँ ने मुझे सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि जीवन को किस ढंग से जीया जाता है वह सलिखा भी सिखाया है. मुझे मेरी माँ ने शिक्षा दी है की समाज में सभी के साथ किस तरह से व्यवहार करना चाहिए जिससे की हम सभी को खुश रख सकें. मेरे बीमार होने पर मेरी बड़ी-बड़ी समस्यायों में मेरी माँ मेरी ताकत बनी है. लोग कहते है की एक आदमी की सफलता के पीछे उसकी पत्नी का हाथ होता है परन्तु में यही कहूँगा की मेरी सफलता के पीछे सिर्फ मेरी माँ का हाथ है. में अपनी माँ में अपना मार्गदर्शक और प्रिय मित्र मानता हूँ.
आज में जो भी जिस पद या स्थान पर हूँ उसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ में अपनी माँ को दूंगा. मेरी माँ का सपना था की में एक अधिकारी (ऑफिसर) बनू और उनका सपना मेरा लक्ष्य था की यह किसी भी हालत में उनका सपना पूरा करूँ. आज में एक अधिकारी हूँ और मेरी माँ बहुत खुश है की मेने मेरी माँ का सपना पूरा किया. मेरे अधिकारी बनने से मेरी माँ मुझपर गर्व करती है और मुझे सबसे अच्छी संतान मानती है. में मेरी माँ को इस धरती पर ईश्वर का रूप मानता है.
एक बेटे का भी फर्ज होता है की माँ की वह सेवा करे, और माँ को कोई तकलीफ न पहुचाएं जिससे माँ को यह न लगे की उसने आपको जन्म देना उसकी गलती थी. में मेरी माँ को हमेशा खुश रखता हूँ और कोशिश करता हूँ की उन्हें मेरी वजह से कोई तकलीफ न होने पाएं. इस संसार में सिर्फ मेरी माँ है जिससे में सबसे अधिक प्रेम करता हूँ