मेरा गांव पर निबन्ध – Essay On My Village in Hindi
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My Village Essay – यहाँ पर आप मेरा गांव पर निबन्ध (Essay On My Village in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.
मेरे गांव की तुलना यदि मैं किसी चीज़ से करूं तो उसे स्वर्ग कहना गलत नही होगा। चारों तरफ लहलहाते खेत, पेड़ – पौधे, हरियाली अर्थात प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है मेरा गांव। आज भी मुर्गे के बांग से सुबह का भान होता है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से तो मेरा गांव बहुत छोटा है पर यहां के सभी लोगों के दिलों में उदारता है, यहां के लोग अपने संस्कृति अपने लोक से जुड़े हुए हैं, यहां के सभी लोग बिना किसी बदलाव के आज भी अपने पुराने रीति – रिवाजों को उसी प्रकार निभा रहे हैं जैसे पूर्वज निभाते थे। जिनमे मु्ख्य है अपने गांव के देवी – देवता की पूजा, जिसे पूरा गांव एक साथ मिलकर करता है। गांव को स्वर्ग कहने के पीछे यही सब कारण है, यही वो तत्व हैं जो गांव को सुंदरता प्रदान करते हैं, गांव के पूरे संरचना की बात करें तो इसमें यहां के बुजुर्गों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है.
सुबह सूर्योदय से पहले लोग जाग जाते है और अपने – अपने काम मे जुट जाते हैं। खेतों में पूरा परिवार एक दूसरे के साथ मिल कर मेहनत करता दिखता है, लोग आज भी सुबह उठ कर तालाब के स्वच्छ निर्मल जल में नहाने जाते हैं और सूर्य को जल चढ़ाते हैं सूर्य की वो लालिमा जो एक बहुत ही मनोरम दृश्य को गढ़ रही होती है उसे देखना, मानो मन को मोह लेता है।
स्वच्छता के मामले मै भी गांव अव्वल होते हैं, चारों ओर साफ – सफाई देख सकते हैं, सारे घर सुंदर गोबर, मिट्टी से लीपे – पोते होते हैं, मिट्टी मै एक मनमोहक सुगंध होती है, जिस पर यदि बारिश हो जाए तो सौंधी खुशबू चारो ओर फैल जाती है। शाम को ठंडी हवा का झोंका जो अपने साथ दूर खेत में लगे फसल की खुशबू लाता है। सबसे महत्पूर्ण हैं यहां के लोग जो निश्वार्थ भाव से एक दूसरे के साथ मिलकर खुशी से रहते हैं। इन्हीं के कारण आज भी गांव में लोग उन पुराने नियमों का पालन कर रहे हैं, इन्ही को देख पीढ़ी दर पीढ़ी ये नियम आगे बढ़ते जा रहे हैं।