वर्षा ऋतु पर निबन्ध – Essay On Rainy Season in Hindi
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Rainy Season Essay – यहाँ पर आप वर्षा ऋतु पर निबन्ध (Essay On Rainy Season in Hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है.
वर्षा ऋतु हिंदी निबंध class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10 विधार्थियों के लिए.
वर्षा ऋतु पर निबंध
वर्षा ऋतु का आगमन सभी के लिए हर्ष का विषय होता है। वर्षा ऋतु भारत में आने वाली छः ऋतुओं में से एक है, जैसे वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। वैसे ही वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा जाता है। यह ऋतु जुलाई से लेकर सितंबर तक रहती है। झुलसा देने वाली गर्मी के मौसम के बाद यह ऋतु सबके लिए राहत का अहसास लेकर आती है।
गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण समुद्र और नदियों का पानी भाग के रूप में बादलों में बदल जाता है। यही बादल वर्षा के रूप में धरती पर बरसते हैं। वर्षा ऋतु के हमें फायदे और नुकसान दोनों हैं। पहले हम इस ऋतु से होने वाले फायदे और उसके बाद इससे होने वाले नुकसानों पर चर्चा करेंगे। यह मौसम पर्यावरण की गर्मी को हटा देता है और ठंडक का एहसास लाता है। सब उम्र के लोग इस मौसम में खूब मस्ती करते हैं। बच्चे बारिश में खेलते हैं और कागज की नाव बनाकर उसे बारिश के पानी में तैराते हैं। वर्षा की पहली फुहार से मिट्टी में से एक अलग ही सौंधी खुसबू आती है जो सभी को अत्यंत आनंद का अनुभव करती है। सभी पेड़ पौधों पर नए पत्ते आने से वातारण हारा भरा दिखाई देता है। घरों में खीर और मालपुए बनते हैं।
यह ऋतु पेड़ – पौधों और घास को बढ़ने में मदद करती है। प्राकृतिक संसाधन जैसे नदियां, तालाब पानी से भर जाते हैं। जिससे जानवरों और पक्षियों को बहुत फायदा होता है, क्योंकि उन्हें खाने के लिए हरी घास और पीने के लिए पानी मिल जाता है। मोर और दूसरे पक्षी अपने पंखों को फैला कर नाचने लगते हैं। वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा नुकसान है, बाढ़ का खतरा, भारत के बहुत सारे राज्यों को इस ऋतु में बाढ़ का सामना करना पड़ता है, जिससे वहां के लोगों का जीवन मुसीबतों से भर जाता है। कई लोगों के घरों में पनि भर जाने से काफी जन धन की हानी होती है। सूरज की रोशनी की कमी की वजह से बहुत सारी बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। वर्षा में कई प्रकार के कीड़े मक्खी मच्छर पैदा हो जाते हैं, जो मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि रोग फैलाते हैं। कम धूप के कारण सब कुछ बदबू करने लगता है। सड़कें, मैदान सब पानी से भर जाते हैं। जिस कारण रोज के कामों में बाधा आती है। आवागमन ठप्प पद जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में भू स्खलन से बहुत अधिक मात्र में जन धन की हानी होती है। कुछ साल पहले ऐसी ही एक तस्वीर उत्तराखंड में देखने को मिली थी। जिसमें अधिक संख्या में लीग मारे गए थे साथ ही कई गाँव जल विलीन हो गए थे।
पर्यावरण के संतुलन के लिए हर ऋतु का अपना महत्व है। वर्षा ऋतु सभी द्वारा पसंद की जाती है। इससे गर्मी के कारण सूखी हुई धरती को नई जान मिलती है। इस ऋतु में हर जीव जंतु एक नए जीवन का अनुभव करता है।
वर्षा ऋतु – प्रस्तावना, महत्व, आवश्यकता, फायदे, नुकसान
वर्षा ऋतु पर निबंध : परिचय
वर्षा ऋतु की शुरुआत भारत में जुलाई माह में शुरू हो जाती जोकि सितंबर के अंत तक रहती है. वर्षा माह शुरू होने के कारण वर्षा का पानी गावों एवं नगरों में कई रूप में इस्तेमाल किया जाता है. वर्षा ऋतु का माह तेज गर्मी को कम करता है और मौसम के तापमान को नियंत्रित करता है. वही गावों में वर्षा का पानी कृषि के रूप में सिंचाई के काम में इस्तेमाल किया जाता है. वर्षा ऋतू के पानी से भूमिगत जलस्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. वर्षात के बीना कुछ समय के उपरान्त जन जीवन को बहुत हानि हो सकती है. वर्षा का समय पर होना पृथ्वी और जन जीवन के लिए बहुत आवश्यक है.
वर्षा ऋतु पर निबंध 150 शब्दों में
वर्षा ऋतू के समय अक्सर बादल काले छाए रहते है. सूरज का प्रकाश वर्षा ऋतू के समय काले बादलों के कारण छिप जाता है. बरसात के समय तेज बादल गरजते है आकाश में बिजली कड़कती है और तेज आवाज करती है मानो जैसे कही भयानक बम फूटा हो. में हर साल बरसात का बेसवरी से इन्तेजार करता हूँ. वर्षा ऋतू के समय ठंडी-ठंडी बूंदों का एहसास करना बहुत सुकून देता है. बरसात में सभी प्राणी बेहद प्रसन्न हो उठते है. बरसात की बूंदों की आवाज से बहुत शांति मिलती है.
बारिश का पानी शुद्ध माना जाता है जिसे हम पी भी सकते है. वर्षा ऋतू में हमें बारिश का पानी संचित करना चाहिए ताकि इसका इस्तेमाल बाद में सही रूप से किया जा सकें. राजस्थान जैसे प्रदेशों में जल की कमी के कारण वहां के अधिकतर लोग बारिश के पानी को भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए बड़े-बड़े टैंक बनाकर उसमें वर्षा-जल संचित करते है.
वर्षा ऋतु पर निबंध 450 शब्दों में
प्रस्तावना
भारत में हर वर्ष वर्षा ऋतु का समय जुलाई महीने में शुरू हो जाता है. वर्षा ऋतु सितंबर के अंत तक रहती है. वर्षा होने से इंसान, पशु-पक्षियों, जीव-जन्तुयों सभी प्रकार के प्राणियों को गर्मी से राहत मिलती है. वर्षा से मौसम के तापमान में गिरावट आती है जिससे मौसम ठंडा हो जाता है और वायु ठंडी चलने लगती है. वर्षा ऋतु के समय सभी को राहत मिलती है.
बारिश का पानी प्राकर्तिक द्वारा दिया गया एक मूल्यवान संसाधन है, जो इस धरती पर पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों और सभी तरह के प्राणियों के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। वर्षा ऋतू का माह इस प्यासी धरती को तृप्त करता है, और धरती के वातावरण को हरा-भरा बनाने में सहायता करता है.
वर्षा ऋतु में इसके जल को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. बारिश का पानी पिने योग्य माना जाता है इसके पानी से बिमारी होने का खतरा भी नहीं रहता है. परन्तु शुरुआत के मानसून में जो बारिश होती है उसमें गाड़ियों का धुआं भी पानी के साथ पृथ्वी पर बरस जाता है जो पीने योग्य नहीं होता लेकिन अगले कुछ दिनों की लगातार बारिश के बाद बरसात के पानी को स्टोर करना चाहिए.
भारत में कृषि की सिंचाई के लिए वर्षा के जल का उपयोग किया जाता है. बारिश के पानी से मिट्टी काफी उपजाऊ हो जाती है. भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का काफी महत्व है फसलों की खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता वर्षा ही पूरा कर सकती है. बारिश का पानी का संचयन करना हमारे जीवन में व्यावसायिक के साथ घरेलू उपयोग में भी किया जा सकता है.
वर्षा के फायदे
वर्षा ऋतु का पानी ना सिर्फ मानव शारीर के तनाव को कम करता है, बल्कि इससे अपने अंदर एक अजीब सी ख़ुशी का अहसास होता है. वर्षा ऋतु बारिश के पानी में नहाने, भीगने से शारीर के हार्मोन्स के उत्पादन को बेहतर बनाने में लाभ मिलता है साथ ही उन्हें संतुलित करने में भी यह मदद देता है. त्वचा के लिए भी बारिश का पानी अच्छा माना जाता है. भारतीय किसानों के लिए कृषि में बरसात का होना एक वरदान के सामान है. कृषि में बारिश का पानी इस्तेमाल किया जाता है बरसात का पानी कम समय में पुरे खेत में पानी पहुंचता है. बारिश के पानी से मिट्टी उपजाऊ होती है बरसात में खेती बहुत तेजी से विकसित होती है.
वर्षा के नुक्सान
बारिश का पानी जहाँ बहुत लाभदायक है वही इसके कई नुक्सान भी है. वर्षा ऋतु में बारिश का अधिक होना समुद्रो, नदियों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है जिससे आसपास के क्षेत्रों को हानि पहुँचती है. वही बरसात में कई प्रकार की बीमारियों का संक्रमण फैलना है. बारिश के जमा पानी से डेंगू, मलेरिया, सर्दी-जुकाम जैसे बिमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए हमें बारिश होने के बाद अपने आसपास साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए और वर्षा ऋतु में बारिश के पानी में अधिक भींगने से बचना चाहिए।
वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्दों में
परिचय
वर्षा ऋतुओं की रानी है। यह ऋतु जुलाई के से आरंभ होती है और सितम्बर तक रहती है। भारत की सभी ऋतुओं में यह एक अनुपम ऋतु है। संसार के बड़े-बड़े कवियों ने इस ऋतु की काफी प्रशंसा की है और इस पर अच्छी-अच्छी कविताएं लिखी हैं। यह ऋतु संसार को जीवन देती है, प्यासे को पानी देती है, मां की तरह मनुष्य का पालन-पोषण करती है।
प्राकृतिक सौंदर्य
गर्मी के बाद वर्षा आती है। इसके प्रभाव से प्रकृति लहलहा उठती है। सूखे पौधों और सूखी पत्तियों में नई जान आ जाती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है। भिन्न-भिन्न प्रकार के पक्षी अपनी मधुर ध्वनि से वन और उपवनों की शोभा बढ़ाते हैं। तालाब के किनारे मेंढक टर्र-टर्र करने लगते हैं। दुबली-पतली लताएं बढ़कर फैलने लगती हैं और वृक्षों से लिपटने लगती है। घने जंगलों में मस्त होकर मोर नाचने लगते हैं। सारी प्रकृति नया रूप धारण कर नए जीवन का स्वागत करती है। जब वर्षा की बूँदें नन्हे-मुन्ने, छोटे-बड़े पत्तों पर गिरती है, तब ऐसा लगता है मानो मोती झड़ रहे हों। हवा में शीतलता और मस्ती छाई रहती है। गांव में किसान झूम उठते हैं और उनके रूखे होठों पर मुस्कुराहट दौड़ जाती है। आशा और उत्साह का नया वातावरण छा जाता है। इस प्रकार वर्षा ऋतु मनुष्य और प्रकृति को नए सांचे में ढाल देती है।
वर्षा ऋतु एक वरदान
वर्षा ऋतु संसार के लिए नए जीवन का वरदान और कीमती उपहार लेकर आती है। सभी नया जीवन पाकर असीम आनंद का अनुभव करते हैं। यदि वर्षा ना हो तो चारों ओर हाहाकार मच जाए, अन्न की उपज ना हो और सारे लोग तड़प-तड़प कर मर जाएँ। देश में अकाल पड़ने लगे, इतना ही नहीं मनुष्य की तरह पशु-पक्षी भी मुसीबत में आ जाएंगे। वर्षा के अभाव में जब पशुओं को चारा नहीं मिलता है। तब उनकी हालत खराब होने लगती है।
वर्षा से हानि
वर्षा ऋतु जहाँ जीवन देती है, तो कभी-कभी जीवन लेती भी है। जहां एक ओर यह हरियाली लाती है, वही अधिक वर्षा के कारण गांवों और नगरों को डूबा भी देती है। शहर की सड़कें तो साफ-सुथरी हो जाती हैं किंतु गांव की राहों में कीचड़ हो जाने के कारण गाड़ियों और लोगों को आने-जाने में बड़ी कठिनाई होती है। इस ऋतु में जहरीले कीड़े मच्छर और मक्खियां बड़ी संख्या में निकल आते हैं। जिससे मलेरिया, हैजा आदि रोग भयानक रूप धारण कर लेते हैं। लगातार वर्षा होने के कारण गरीबों के कच्चे मकान गिर जाते हैं और वे बेघर हो जाते हैं। यदि बाढ़ आई तो खेत के खेत और गांव के गांव नष्ट हो जाते हैं। ऐसी हालत में धन और जन की बड़ी हानि होती है।
उपसंहार
वर्षा ऋतु आशा और उत्साह की ऋतु है यह जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। यही कारण है कि सभी ऋतुओं में इस का सबसे ऊंचा स्थान है और यह सभी ऋतुओं की रानी कहलाती है यदि ये ना होती तो जीवन और जगत की यात्रा ही सदा के लिए मिट गई होती।