Facts About “Time Person of The Year 2019” Greta Thunberg in Hindi – ग्रेटा थनबर्ग महत्वपूर्ण तथ्य
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“Time Person of The Year 2019” Swedish Greta Tintin Eleonora Ernman Thunberg (Important Facts) in Hindi – ग्रेटा थनबर्ग के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
हमने यहाँ पर स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य प्रकाशित किया है. ग्रेटा थनबर्ग को हाल ही में “पर्सन ऑफ़ द इयर” घोषित किया गया है. ग्रेटा थनबर्ग ने जलवायु परिवर्तन के बारे में लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है. चलिए जानते है ग्रेटा थनबर्ग के बारे में कुछ सामान्य ज्ञान और महत्वपूर्ण तथ्य.
- 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैगज़ीन ने 2019 का ‘पर्सन ऑफ़ द इयर’ घोषित किया है.
- ग्रेटा थनबर्ग को यह पुरस्कार तत्काल जलवायु कार्रवाई के लिए राजनीतिक मांगों, वैज्ञानिक तथ्यों के लिए प्रेरक और प्रवर्धित करने के लिए दिया गया है.
- ग्रेटा थनबर्ग इस पुरस्कार के लिए नामित की जाने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति हैं.
- ग्रेटा थनबर्ग ने जलवायु परिवर्तन के बारे में लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए देश के संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था.
- स्वीडन की संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन के लिए 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग ने हर शुक्रवार अपना स्कूल छोड़ा था.
- विश्व के कई देशो में #FridaysForFuture के साथ यह मुहिम शुरू की गयी.
- ग्रेटा थनबर्ग ने पिछले वर्ष देश की संसद के सामने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अकेले प्रदर्शन करने के लिए पहली बार चर्चा में आई थीं.
- ग्रेटा थनबर्ग ने कई विकसित देशों पर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वह केवल दिखावे की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
- ग्रेटा थनबर्ग से पहले 25 वर्षीय चार्ल्स लिंडबर्ग को 1927 में पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था.
- ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन करने के साथ-साथ दुनिया भर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया है.
- 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग को स्टॉकहोम में नॉर्डिक काउंसिल ने पर्यावरण अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की गयी पर उन्होंने पर्यावरण अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया था.
- ग्रेटा थनबर्ग ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनियाभर के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रीन हाउस उत्सर्जन से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था.
- ग्रेटा थनबर्ग और 15 कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र में 5 देशो (जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, अर्जेंटीना और तुर्की) के खिलाफ शिकायत की है.