भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजातियों की खोज की

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जैसलमेर जुरासिक से हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजातियों की खोज की

हाल ही में भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर के अधिकारियों की भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम ने जैसलमेर जुरासिक से हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजातियों की एक दुर्लभ खोज की है. इस टीम में कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे, त्रिपर्णा घोष और देबाशीष भट्टाचार्य शामिल थे. इस टीम ने पहली बार जैसलमेर से जुरासिक युग के हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजातियों के दांतों की जानकारी हासिल की है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा की खोज के बारे में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हिस्टोरिकल बायोलॉजी, जर्नल ऑफ पैलियोन्टोलॉजी के अगस्त, 2021 के चौथे अंक में जानकारी दी गयी है.

  • टीम के मुताबिक, जुरासिक चट्टानों (लगभग 160 और 168 मिलियन वर्ष पुराने) पहली बार हाईबोडॉन्ट शार्क की सूचना मिली है.
  • यह हाइबोडॉन्ट शार्क के दुर्लभ विलुप्त होने वाले प्रारंभिक जुरासिक युग के दौरान समुद्र के दोनों वातावरणों में पाए जाने वाली मछलियों का एक प्रमुख समूह था.
  • लेकिन इस हाइबोडॉन्ट शार्क का मध्य जुरासिक में पतन शुरू हो गया.
  • यह खोजे गए नए टूटे हुए दांत अनुसंधान दल द्वारा नामित एक नई प्रजाति का प्रतिनिधित्व करते हैं इसे “स्ट्रोफोडसजैसलमेरेंसिस ” नाम दिया गया है.
  • जबकि भारत के उपमहाद्वीप से पहली बार पहली बार जीनस स्ट्रोफोडस की पहचान की गई है. यह एशिया महाद्वीप से तीसरा मामला है.
  • इससे पहले जापान और थाईलैंड में हाइबोडॉन्ट शार्क की ऐसी ही प्रजाति पाई गयी थी.
  • इस हाइबोडॉन्ट शार्क की प्रजातियों को शार्क रेफरेंस डॉट कॉम में शामिल किया गया है जो की अंतरराष्ट्रीय मंच है.
  • यह शार्क रेफरेंस डॉट कॉम इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर, स्पीशीज सर्वाइवल कमीशन और जर्मनी की मदद से चलाया जाता है.

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के बारे मेंअन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • इसकी स्थापना वर्ष 1851 में रेलवे के लिए कोयले के भंडार का पता लगाने के लिए की गयी थी.
  • वर्ष 1851 के दौरान जीएसआई ने भारत के अनेक हिस्सों में आवश्यक -विज्ञान की जानकारी के भंडार के रूप में विकसित हुआ है.
  • जीएसआई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति के भू-वैज्ञानिक संगठन का दर्जा भी मिला हुआ है.
  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का प्रमुख कार्य राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक जानकारी और खनिज संसाधन आंकलन के निर्माण से जुड़ा हुआ है.
  • वर्ष 1851 में स्थापना के बाद जीएसआई के कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होती रही है.
  • खान अंतर्गत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का मुख्यालय कोलकाता शहर में स्थित है. इसके कई क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद और शिलांग में है.
  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का भारत के लगभग हर राज्य में यूनिट कार्यालय भी हैं.
Previous Post Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *