GK about Shanghai Cooperation Organisation
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शंघाई सहयोग संगठन : संक्षिप्त जानकारी हिंदी में
मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं के परिप्रेक्ष्य में पारस्परिक सहयोग बढाने के उद्देश्य से शंघाई फाइव नाम से एक समूह की स्थापना रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्थान व् ताजिकिस्तान द्वारा अप्रैल 1996 में शंघाई ने में की गई थी. यह पांचो देश ही शंगाई-फाइव के संस्थापक राष्ट्र थे.
बाद में 2001 में उज्बेकिस्तान को इस समूह में शामिल किया गया तथा इसका नाम भी शंघाई सहयोग संगठन किया गया.
भारत व् पाकिस्तान को 9 जून, 2017 से इस संगठन का सदस्य बनाया गया था, जिससे एससीओ के सदस्यों कुल संख्या 8 हो गई थी. उससे पूर्व भारत व् पाकिस्तान को इस संगठन में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त था.
मंगोलिया को 2004 से , इरान को 2005 से, अफगानिस्तान को 2012 से तथा बेलारूस को 2015 से पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया गया है.
आर्मेनिया, अजरबेजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका व् टर्की को वार्ता भागीदार का दर्जा इस संगठन में प्राप्त है.
शंघाई सहयोग संगठन के अस्तित्व में आने के पश्चात उसका पहला ही विस्तार 2017 में हुआ था, जिसके तहत भारत व् पाकिस्तान को सिका सदस्य बनाया गया था.
भारत व् पाकिस्तान को एससीओ का सदस्य बनाने का फैसला जुलाई 2015 में रूस में उफ़ा में संगठन के 15वें शिखर सम्मलेन में ही कर लिया गया था तथा विभिन्न औपचारिकताओ के पश्चात् यह सदस्यता 9 जून 2017 से ही प्रभावी हुई थी.
आर्थिक सहयोग, उर्जा के क्षेत्र में साझेदारी तथा सांस्कृतिक, वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद व् नशीले पदार्थो की तस्करी के विरुद्ध संघर्ष इस संगठन के उद्देश्यों में शामिल है.
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्यों देशो की कुल जनसँख्या विश्व की कुल जनसँख्या का लगभग 50 प्रतिशत, कुल भूभाग विश्व के कुल भूमि का 22 प्रतिशत तथा इनकी अर्थव्यवस्था का कुल आकार वैश्विक अर्थव्यवस्था का 20 प्रतिशत है.
नवम्बर 2020 के 20वें शिखर सम्मलेन की समाप्ति के साथ ही एससीओ की क्रमानुसार आने वाली अध्यक्षता अब ताजिकिस्तान के पास आ गई है. जहाँ अगला 21वां शिखर सम्मलेन 2021 में प्रस्तावित है.
शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मलेन
वर्ष – आयोजन देश
2001 – शंघाई (चीन)
2002 – सेंट पीटर्सबर्ग (रूस)
2003 – मोस्को (रूस)
2004 – ताशकंद (उज्बेकिस्तान)
2005 – असताना (कजाखस्तान)
2006 – शंघाई (चीन)
2007 – बिश्केक(किर्गिस्तान)
2008 – दुशान्बे (ताजिकिस्तान)
2009 – येकाटेरिनबर्ग (रूस)
2010 – ताशकंद (उज्बेकिस्तान)
2011 – असताना (कजाखस्तान)
2012 – बीजिंग (चीन)
2013 – बिश्केक(किर्गिस्तान)
2014 – दुशांबे (ताजिकिस्तान)
2015 – उफा (रूस)
2016 – ताशकंद(उज्बेकिस्तान)
2017 – असताना (कजाखस्तान)
2018 – किंगदाओ (चीन)
2019 – बिश्केक (किर्गिस्तान)
2020 – रूस की मेजबानी में वर्जुअल मोड़ में सम्पन्न
2021 – दुशांबे (ताजिकिस्तान) में प्रस्तावित
2022 – समरकंद (उज्बेकिस्तान) में प्रस्तावित