
भारतीय वायु सेना दिवस, इंडियन एयरफोर्स डे – Indian Air Force Day 2025 in Hindi
- विवेक कुमार
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Indian Air Force Day 2025 in Hindi – 8 अक्टूबर भारत में भारतीय वायु सेना दिवस (इंडियन एयरफोर्स डे) 2025 मनाया जाता है.
Indian Air Force Day in Hindi – जानिये कब और क्यों भारतीय वायु सेना दिवस (इंडियन एयरफोर्स डे) मनाया जाता है? कैसे मनाते हैं, इतिहास
भारतीय वायु सेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन, गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना स्टेशन पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित होता है। इस कार्यक्रम में, सेना के अधिकारी और कई प्रमुख व्यक्तियाँ शामिल होती हैं, और आसमान में शक्तिशाली वायुयानों का प्रदर्शन किया जाता है।
जानिये भारतीय वायु सेना के बारे में
भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। इसका मुख्यालय गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के हिंडन वायुसेना स्टेशन पर स्थित है, और यह एशिया में सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना के अस्तित्व के बाद से यह अपने ध्येय वाक्य ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ के मार्ग पर चल रहा है, जिसका अर्थ है ‘गर्व के साथ आकाश को छूना।’ इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। भारतीय वायुसेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है।
भारत की आजादी के बाद से अब तक, भारतीय वायुसेना ने कुल 5 युद्ध लड़े हैं। इनमें से चार युद्ध भारत पाकिस्तान के खिलाफ थे, जो 1948, 1965, 1971, और 1999 में लड़े गए। भारतीय वायुसेना ने चीन के खिलाफ भी 1962 के युद्ध में भाग लिया था। कुछ प्रमुख ऑपरेशन जैसे कि ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, और बालाकोट एयर स्ट्राइक भी भारतीय वायुसेना के इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से रहे हैं।
भारतीय वायु सेना दिवस (इंडियन एयरफोर्स डे) का इतिहास
- भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले ही भारतीय वायुसेना की स्थापना हो चुकी थी.
- 8 अक्टूबर, 1932 को, औपनिवेशिक शासन के अधीन अविभाजित भारत में वायुसेना की स्थापना की गई.
- भारत की वायुसेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया, और इस युद्ध के लिए किंग जार्ज VI ने सेना को ‘रायल’ प्रीफिक्स के साथ नवाजा था.
- हालांकि देश की आजादी के बाद, जब भारत गणतंत्र राष्ट्र बना, तो प्रीफिक्स को हटा दिया गया.
कैसे मनाते हैं भारतीय वायु सेना दिवस (इंडियन एयरफोर्स डे)
हिंडन में इस दिन पुरुष और महिला पायलटों की एक परेड आयोजित होती है, जिसमें वायुसेना के प्रमुख सैन्य कर्मियों को पदक से सम्मानित किया जाता है। इस समारोह का आयोजन इस साल चंडीगढ़ में किया जा रहा है, और इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होने वाली हैं।