INS विंध्यगिरि लॉन्च: भारतीय नौसेना शामिल युद्धपोत; जानें इसकी खासियत

INS Vindhyagiri: प्रोजेक्ट

INS Vindhyagiri in Hindi: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अगस्त 2023 कोलकाता में हुगली नदी के तट पर ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड’ (जीआरएसई) केंद्र में भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट 17 अल्फा’ के तहत निर्मित छठे नौसैन्य युद्धपोत ‘विंध्यगिरि’ का जलावतरण किया है. इसको मुर्मू ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक प्रतीक बताया.

यह भारत का कोनसा युद्धपोत है

परियोजना के मुताबिक सात युद्धपोत का निर्माण होना था, जिसमें ‘विंध्यगिरि’ छठा युद्धपोत है. इससे पहले पांच युद्धपोत का जलावतरण 2019 और 2022 के मध्य हो गया था. यह तीसरा और आखिरी युद्धपोत है जिसे कोलकाता स्थित युद्धपोत निर्माता ने परियोजना के अंतर्गत नौसेना के लिए बनाया है.

एक जानकारी के मुताबिक उपकरण और पी17ए जहाजों की प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों से है, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं.

इस युद्धपोत की ताकत; जाने

विंध्यगिरि आधुनिक उपकरणों से लैस है. जीआरएसई के अधिकारियों के मुताबिक, पी17ए निर्देशित मिसाइल युद्धपोत हैं. प्रत्येक युद्धपोत की लंबाई लभग 149 मीटर है. इसका वजन लगभग 6,670 टन तक है और गति 28 समुद्री मील है. उन्होंने कहा कि ये वायु, सतह और सतह से नीचे तीनों आयामों में खतरों को बेअसर करने में सक्षम है.

‘विंध्‍यगिरि’ नाम क्‍यों दिया गया है?

आईएनएस नीलगिरि, उदयगिरि, हिमगिरि, तारागिरि और दूनागिरि की तरह, विंध्यगिरि का नाम भी कर्नाटक की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है.

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