किसने 1831 के रामोसी विद्रोह का नेतृत्व किया था ?
उमाजी राजे: रामोसी विद्रोह पुन में 1922 ई. में हुआ था. यह विद्रोह पुन के रामोसी जनजाति के द्वारा अंग्रेजो के खिलाफ किया गया था. पूना के रामोसी (मराथायुगिन पुलिस) अंग्रेजो के शासनकाल में बेरोजगार हो गए थे. साथ ही उनकी जमीनों पर अंग्रेजो द्वारा लगान भी लगा दिया गया था. ऐसे में रमोसियों ने चित्तूर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया. रमोसियों ने सतारा के आसपास के क्षेत्रो को लुटा और किलों पर भी आक्रमण किया, लेकिन अंग्रेजो द्वारा इस विद्रोह को दबा दिया गया. 1826 ई. में फिर से उमाजी के नेतृत्व में रमोसियों ने विद्रोह किया. इस समय भयंकर अकाल पड़ा था और लोगों के पास अन्न का अभाव था. इसे 1829 ई. तक रमोसियों ने अंग्रेजो से मोर्चा लिया, लेकिन अंतिम समय इसका भी दमन कर दिया गया.
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