भौतिक राशियाँ (अदिश एवं सदिश) – Vector and Scalar Quantities in Hindi
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भौतिक राशियाँ (अदिश एवं सदिश)
भौतिक विज्ञान सामान्य ज्ञान में कुछ भौतिक राशियों का अध्ययन (Vector and Scalar Quantities) किया जाता है। जैसे- भौतिक राशियाँ क्या होती है? भौतिक राशियाँ के प्रकार, भौतिक राशियाँ की परिभाषा आदि यहाँ पर उदाहरण सहित समझाया गया है।
भौतिक राशियाँ क्या है?
जब किसको किस संख्यात्मक रूप में मान दिया जा सकता है, उसे राशि कहते हैं एवं व् राशियाँ जिनके पदों में भौतिक विज्ञान का वर्णन किया जाता है, उन्हें भौतिक राशियाँ (Physical Quantity) कहा जाता हैं।
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती है-
- अदिश राशियाँ (Scalar Quantity)
- सदिश राशियाँ (Vector Quantity)
अदिश राशियाँ
अदिश राशियाँ सिर्फ परिणाम दर्शाती है लेकिन दिशा नहीं, वही अदिश राशियाँ उन्हें कहते है जिनकी भौतिक राशियाँ में केवल परिणाम होता है, उन्हें स्केलर या अदिश राशियाँ कहते हैं। जैसे – लंबाई, दूरी, द्रव्यमान, समय, क्षेत्रफल, आयतन, कार्य, शक्ति, चाल, आवेश, दाब, ताप, विभव इत्यादि।
उदाहरण-
- यदि किसी कुर्सी की लंबाई 7 मीटर हो, तो यह लंबाई उस कुर्सी के सिर्फ परिमाण को ही व्यक्त करती है, अतः लंबाई एक अदिश या स्केलर राशि मानी जायेगी।
- यदि किसी सामान का द्रव्यमान 10 किलोग्राम है तो 10 किलोग्राम की मात्रा उस सामन के सिर्फ परिमाण को दर्शाती है, दिशा को नहीं, अतः द्रव्यमान एक अदिश राशि मानी जाएगी।
सदिश राशियाँ
इनकी भौतिक राशियाँ का परिणाम एवं दिशा दोनों होती हैं, इन्हें सदिश या वेक्टर राशियाँ भी कहते है। जैसे – विस्थापन, वेग, त्वरण, संवेग, बल, भार, चुम्बकीय क्षेत्र इत्यादि।
निम्न बिन्दु सदिश राशियों को व्यक्त करने हेतु आवश्यक होते हैं।
- राशि का परिणाम (Magnitude of Quantity)
- राशि की दिशा (Direction of Quantity)
- राशि का मात्रक (Unit of Quantity)
सदिशों का निरूपण
इसको मुख्यतः दो विधियां से नियुपित किया जाता है:-
किसी सदिश राशि को प्रदर्शित करने के लिए उसके संकेत के ऊपर रेखा का तीर लगाया जाता है। जिसमे एक रेखा की लंबाई उपयुक्त पैमाने या स्केल पर सदिश के परिमाण के तुल्य होती है एवं तीर की दिशा सदिश राशि की दिशा को व्यक्त करती है।
सदिश राशि को अक्षरों को काला या मोटा लिखकर भी निरूपित करते है।
अदिश एवं सदिश राशियों के गुण और अंतर
क्रम विनिमेय नियम (Commutative Law)
इस नियम में अदिश राशियाँ योग एवं गुणा के समय क्रम-विनिमेय नियम का पालन करती हैं। वहीँ सदिश राशियाँ योग के क्रय विनिमेय नियम का पालन करती हैं।
साहचर्य नियम (Associative Law)
- इस नियम में अदिश राशियाँ योग एवं गुणा में साहचर्य नियम का पालन करती है। वही दो से अधिक सदिश राशियों को किसी भी क्रम में जोड़ने पर उनका योगफल हमेशा समान प्राप्त होता है।
- अदिश राशियों को जोड़ना, घटाना, गुणा एवं भाग बीजीय राशियों के समान होता है। वहीँ किसी सदिश राशि में यदि एक अदिश राशि का गुणा किया जाए तो एक सदिश राशि प्राप्त होती है।
- दिशा परिवर्तन करने से अदिश राशियों के मान में कोई परिवर्तन नहीं होता है। वही दो सदिशों का सदिश गुणनफल हमेशा एक सदिश राशि होती है।
- क्रियाशील सदिश राशियों को उसके ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज घटकों में वियोजित किया जा सकता है।