Sunderlal Bahuguna in Hindi – सुन्दरलाल बहुगुणा ने चिपको आंदोलन में निभाई थी अहम् भूमिका
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Sunderlal Bahuguna Biography in Hindi – सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के ‘मरोडा’ नामक स्थान पर हुआ था. सुन्दरलाल बहुगुणा को चिपको आंदोलन के प्रणेता भी कहा जाता है क्यूंकि 1973 में शुरू हुए चिपको आन्दोलन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
सुन्दरलाल बहुगुणा के पिता का नाम अम्बादत्त बहुगुणाऔर उनकी माता का नाम पूर्णा देवी था इनकी पत्नी का नाम विमला नौटियाल और उनकी संतानों के नाम राजीवनयन बहुगुणा, माधुरी पाठक, प्रदीप बहुगुणा है.
सुन्दरलाल बहुगुणा अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद से बी.ए. करने के लिए लाहौर चले गए थे.
सुन्दरलाल बहुगुणा ने सिलयारा में ‘पर्वतीय नवजीवन मण्डल’ की स्थापना अपनी पत्नी श्रीमती विमला नौटियाल के सहयोग की थी.
वर्ष 1949 में सुन्दरलाल बहुगुणा का सम्पर्क ठक्कर बाप्पा से हुआ जिसके बाद उन्होंने दलित वर्ग के नए युवा विधार्थियों उज्वल भविष्य व् उत्थान के लिए टिहरी में ठक्कर बाप्पा होस्टल की स्थापना भी की थी. दलित वर्ग के लोगो को मंदिरों में प्रवेश का अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आन्दोलन भी छेड़ा. सुन्दरलाल बहुगुणा ने वर्ष 1971 में सोलह दिन तक अनशन भी किया था और विश्वभर में चिपको आन्दोलन के कारण सुन्दरलाल बहुगुणा वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्द हुए.
1949 में मीराबेन व ठक्कर बाप्पा के सम्पर्क में आने के बाद सुन्दरलाल बहुगुणा ने दलित वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए प्रयासरत हो गए और उनके लिए टिहरी में ठक्कर बाप्पा होस्टल की स्थापना भी की।
सुन्दरलाल बहुगुणा को अपने कार्यो व् देश के लिए की गए उनके योगदान में उन्हें बहुत सी बड़े पुरुस्कारों से सम्मानित भी किया गया है,
- अमेरिका की फ्रेंड ऑफ नेचर नामक संस्था ने वर्ष 1980 में इनके कार्यों से प्रभावित होकर इनको पुरस्कृत किया।
- पर्यावरण को स्थाई सम्पति मानने वाला यह महापुरुष ‘पर्यावरण गाँधी‘ बन गया।
- अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता के रूप में वर्ष 1981 में स्टाकहोम का वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार मिला।
- वर्ष 1981 में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया
- 1985 में जमनालाल बजाज पुरस्कार।
- रचनात्मक कार्य के लिए 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया
- 1987 में राइट लाइवलीहुड पुरस्कार (चिपको आंदोलन) से सम्मानित हुए.
- 1987 में शेर-ए-कश्मीर पुरस्कार से इनको नवाजा गया।
- 1987 में सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया।
- 1989 सामाजिक विज्ञान के डॉक्टर की मानद उपाधि आईआईटी रुड़की द्वारा दी गई।
- 1998 में पहल सम्मान से इन्हें सम्मानित किया गया.
- 1999 में गाँधी सेवा सम्मान से इन्हें नवाजा गया.
- 2000 में सांसदों के फोरम द्वारा सत्यपाल मित्तल अवार्ड ये सम्मानित हुए.
- 2001 में इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
निधन:
21 मई 2021 को चिपको आन्दोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा का ऋषिकेश मे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में निधन हो गया।
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Nice Writting 👍🏻