वीर बाल दिवस, गुरु गोबिंद सिंह – Veer Bal Diwas 2025 in Hindi

Veer Bal Diwas 2025 in Hindi – 26 दिसंबर को भारत में में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 9 जनवरी, 2022 को देश की राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में प्रधानमंत्री मोदी ने एक घोषणा की जिसमे 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’के रूप में मनाने का ऐलान किया गया था।

9 जनवरी, 2022 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने एक एतिहासिक घोषणा कि जिसमे 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों- साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत की स्‍मृति में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

वीर बाल दिवस: इतिहास

veer-bal-diwas

देश में मुगल शासनकाल के समय पंजाब में सिखों के नेता गुरु गोबिंद सिंह के कुल चार बेटे थे. जिनको चार साहिबजादे खालसा कहा जाता था. धार्मिक उत्पीड़न से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से वर्ष 1699 में गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की. गुरु गोबिंद सिंह चार बेटे: अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह, सभी इस पंथ का हिस्सा थे. इन चारों को 19 वर्ष की आयु से पहले तत्कालीन शासक औरंगजेब के आदेश पर मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था.

9 जनवरी 2022 को पीएम मोदी ने इनकी शहादत को याद करते हुए एक घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

वीर बाल दिवस का महत्व

वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को याद करने व् उन्हें सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. यह दिन उनकी वीर गाथा को याद करने का भी दिन है जिनमे यह जानने का भी दिन है कि किस तरह से मुग़ल सैनिकों ने उनकी निर्मम हत्या की खासकर जोरावर और फतेह सिंह की. इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर उन्हें क्रमशः 8 और 5 वर्ष की आयु में ही कथित तौर पर जिंदा दफन कर दिया गया था.

Read Also...  अक्टूबर 2025 के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस - October 2025 Important Days List of National and International

साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बारे में

  • साहिबजादे जोरावर सिंह (9) और फतेह सिंह (7) सिख धर्म के सबसे सम्मानित शहीदों में से माने जाते हैं।
  • सम्राट औरंगज़ेब (1704) के आदेश पर मुगल सेना ने आनंदपुर साहिब को घेर लिया था।
  • इस दौरान गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटों को बंदी बना लिया गया।
  • मुस्लिम धर्म अपनाने पर उन्हें न मारने की पेशकश की गई थी।
  • मुस्लमान धर्म को न अपनाने पर उन्हें मौत की सज़ा दी गई और उन्हें जिंदा ईंटों की दीवार में चुनवा दिया गया।
  • इन दोनों शहीद पुत्रो ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मृत्यु को स्वीकार किया।

कैसे मनाया जा रहा आज का दिन

वीर बाल दिवस के अवसर पर छोटे बच्चो को सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के वीर साहस की कहानी के बारे में बताने के लिए देश भर में संवादात्मक और सहभागी कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. जिन्होंने अपनी आस्था और धर्म की रक्षा के लिये प्राण न्योछावर कर दिए थे. इस दिन देश भर के स्कूल और कॉलेज में निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं और अन्य तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है.

गुरु गोबिंद सिंह: परिचय

  • गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना, बिहार में हुआ था। जोकि दस सिख गुरुओं में से अंतिम गुरु थे।
  • गुरु गोबिंद सिंह जयंती नानकशाही कैलेंडर पर आधारित है।
  • वे अपने पिता ‘गुरु तेग बहादुर’ की मृत्यु के बाद 9 वर्ष की आयु में 10वें सिख गुरु बने।
  • वर्ष 1708 में उनकी हत्या कर दी गई थी।
Read Also...  Lal Bahadur Shastri Jayanti 2025 in Hindi - लाल बहादुर शास्त्री जयंती

वीर बाल दिवस प्रश्न और उत्तर: FAQS

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है ?
भारत में 26 दिसंबर को अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रो की शहादत की याद में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

वीर बाल दिवस क्यों मनाया जा रहा है?
वीर बाल दिवस खालसा के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने और उनके बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है.

पहला वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है?
9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। और 26 दिसंबर को पहली बार देश में वीर बाल दिवस के रूप में मनाया गया था।

26 दिसंबर को सिख इतिहास में क्या हुआ था?
छोटे साहिबजादे गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे ने 26 दिसंबर 1705 को केवल 9 और 5 (या 6) वर्ष की छोटी आयु में शहादत प्राप्त की।

Previous Post Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *