स्मार्ट सिटी मिशन में किया जाएगा 109 शहरों को विकसित, जानें बुनियादी सिद्धांत और इसकी चुनोतियों के बारे में हिंदी में

Here you will find complete information about “Smart City Mission” in Hindi

प्रिय मित्रों, यहाँ हमने स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) के बारे में बहुत महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी प्रकाशित की है जिसमे आप स्मार्ट सिटी मिशन से संबधित सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे जैसे, स्मार्ट सिटी मिशन क्या है, स्मार्ट सिटी मिशन के लाभ, स्मार्ट सिटी मिशनके उद्देश्य और स्मार्ट सिटी मिशन में पंजीयन करने का तरीका आदि. तो चलिए जानते है की स्मार्ट सिटी मिशन क्या है हिंदी में?

Smart City Mission in Hindi: भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31% को शहरों में बसता है और इनका सकल घरेलू उत्पाद में 63% (जनगणना 2011) का योगदान हैं। ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40% रहेगा और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 75% का होगा । इसके लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास की आवश्यकता है। ये सभी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं लोगों और निवेश को आकर्षित करने, विकास एवं प्रगति के एक गुणी चक्र की स्थापना करने में महत्वपूर्ण हैं। स्मार्ट सिटी का विकास इसी दिशा में एक कदम है। भारत में स्मार्ट नगर की कल्पना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है जिन्होंने देश के १०० नगरों को स्मार्ट नगरों के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। सरकार ने 27 अगस्त 2015 को 98 प्रस्तावित स्मार्ट नगरों की सूची जारी कर दी.

स्मार्ट सिटी के बुनियादी सिद्धांत

  • किफायती घर
  • हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • शिक्षा के विकल्प
  • मनोरंजन और स्पोर्ट्स के साधन
  • मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधन के मुताबिक पूरा निवेश
  • टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।
  • स्मार्ट नगर में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके।

स्मार्ट सिटी की चुनौतियां

  • यह पहली बार है जब एक एमओयूडी कार्यक्रम के वित्त पोषण के लिए शहरों का चयन करने के लिए ‘चैलेंज’ या प्रतियोगिता विधि का उपयोग और क्षेत्र के आधार पर विकास की एक रणनीति का प्रयोग किया गया है। यह ‘प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद’ की भावना को दर्शाता है।
  • नीति निर्माताओं, कार्यान्वयन करने वालों एवं अन्य हितधारकों द्वारा विभिन्न स्तरों पर रेट्रोफिटिंग की अवधारणाओं को समझना, पुनर्विकास और ग्रीनफील्ड विकास हेतु क्षमता सहायता की जरूरत होगी। चैलेंज में भाग लेने से पूर्व योजना बनाने के दौर में ही समय और संसाधनों में प्रमुख निवेश करना होगा। यह पारंपरिक डीपीआर संचालित दृष्टिकोण से अलग है।
  • राज्य और शहरी स्थानीय निकायों को स्मार्ट सिटी के विकास में एक महत्वपूर्ण सहायक भूमिका निभानी होगी। इस स्तर पर स्मार्ट नेतृत्व और दृष्टि एवं निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता मिशन की सफलता का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण कारक होगी।
  • स्मार्ट सिटी मिशन को सक्रिय रूप से प्रशासन और सुधारों में भाग लेने वाले स्मार्ट लोगों की आवश्यकता है। नागरिक भागीदारी शासन में एक औपचारिक भागीदारी की तुलना में काफी अधिक है। स्मार्ट लोगों की भागीदारी आईसीटी के बढ़ते उपयोग, विशेष रूप से मोबाइल आधारित उपकरणों के माध्यम से स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) द्वारा सक्रिय किया जायेगा।

स्मार्ट सिटी के बारे में अन्य जानकारी

  • स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
  • रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा।
  • 95 फीसदी आवासीय इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और मनोरंजन पार्क मौजूद हों.
  • स्मार्ट सिटी में 24×7 पानी और बिजली सप्लाई हो.
  • लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए.
  • 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो.
  • 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हाे.
  • स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो.
  • एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो.
  • 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो.

संछिप्त में जाने!

  • भारत सरकार द्वारा 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन शुरू किया गया था
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में 109 शहरों को विकसित करना और उन्हें नागरिकों के अनुकूल और टिकाऊ बनाना है
  • इसका उद्देश्य बुनियादी बुनियादी ढांचे को विकसित करना और स्मार्ट शहरों के नागरिकों को स्मार्ट समाधान के साथ अच्छी गुणवत्ता प्रदान करना है
  • बुनियादी ढांचा में पर्याप्त पानी की आपूर्ति, आश्वासन दिया बिजली आपूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि शामिल हैं
  • परियोजना की कुल लागत रु। 131,762 करोड़
  • आधिकारिक वेबसाइट: http://smartcities.gov.in

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