जाने अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस कब 2023 और क्यों मनाया जाता है? इतिहास, थीम – World Student Day in Hindi
- विवेक कुमार
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जाने विश्व छात्र दिवस कब 2023 और क्यों मनाया जाता है? इतिहास, थीम – World Student Day in Hindi
World Student Day in Hindi – वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है. ये दिन सभी स्टूडेंट्स के लिए बेहद खास होता है. इस आर्टिकल में हमे जानेंगे की विश्व छात्र दिवस कब 2023 – World Student Day और क्यों मनाया जाता है? इतिहास, थीम.
जाने विश्व छात्र दिवस कब 2023 और क्यों मनाया जाता है?
हर वर्ष 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे यानी विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है. यह दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन, भारत रत्न स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे मनाना सभी के लिए काफी गर्व की बात है, क्योंकि इसके द्वारा समाज को महत्वपूर्ण सीख देने का प्रयास किया जाता है. आज के दिन विश्वभर के सभी स्टूडेंट को शिक्षा और उसके महत्व की जानकारी दी जाती है. क्योंकि देश और समाज को आगे बढ़ाने में एक स्टूडेंट अहम भूमिका निभाता है. हर स्टूडेंट भीड़ में सबसे अलग और खुद की पहचान बनाने का सपना लिए हुए एक विद्यार्थी आगे बढ़ता है और भविष्य का निर्माण करता है.
विश्व छात्र दिवस कब 2023 का इतिहास
जानिये वर्ल्ड स्टूडेंट डे के इतिहास के बारे में
वर्ष 2010 से डॉक्टर कलाम के शिक्षा और छात्रों के लिए उनके प्रयासों को स्वीकारते हुए संयुक्त राष्ट्र संगठन ने उनकी जन्म तिथि को “वर्ल्ड स्टूडेंट डे” यानी विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. तब से आज तक हर वर्ष 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे यानी विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है.
विश्व छात्र दिवस कब 2023 की थीम
जानिये वर्ल्ड स्टूडेंट डे 2023 की थीम क्या है?
- If you fail, never give up because F.A.I.L. World Students Day in 2023 will focus on the topic “FAIL: stands for First Attempt in Learning
- यदि आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ है ‘सीखने का पहला प्रयास तय की गयी है.
विश्व छात्र दिवस पर डॉ. कलाम के जीवन के बारे में जानकारी
15 अक्टूबर 1931 में जन्मे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और आगे चलकर भारत के सफल वैज्ञानिक बने. उन्होंने अपने जीवन काल में मिसाइल बनाने में अहम योगदान दिया जिसके चलते उन्हें मिसाइलमैन के नाम से भी जाना जाता है. वे वर्ष 1992 से 1999 तक वे प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के पद पर कार्यरत रहे थे. उन्होंने DRDO में सचिव के पद पर भी कार्य किया था. उन्हें 2002 में उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और उनका कार्यकाल वर्ष 2007 तक रहा.